संसदीय समिति ने आपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड के लिए धन की कमी पर चिंता जतायी


साल 2019 में इस अभियान की शुरूआत की गई। शुरूआत में इसे स्कूल स्तर पर 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा और बाद में कालेज एवं विश्वविद्यालय स्तर तक विस्तार करने का खाका तैयार किया गया ।


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नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान में आपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड के लिए धन आवंटित नहीं किए जाने को गंभीरता से लेते हुए संसद की एक समिति ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर डिजिटल माध्यम से शिक्षा प्रदान करना बच्चों की जरूरत है तथा ऐसे में सरकार को डिजिटल कार्यक्रमों के लिये अधिक धन आवंटित करने की संभावनाओं का पता लगाना चाहिए ।

संसद में पिछले दिनों पेश स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की अनुदान की मांगों संबंधी संसदीय समिति की रिपोर्ट में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से कहा है कि, ‘‘ वह ई-शिक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने के वास्ते डिजिटल कार्यक्रमों के लिये अधिक धन आवंटित करने की संभावनाओं का पता लगाए । ’’ संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘आपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड के लिये वर्ष 2020-21 के 25 करोड़ रूपये के बजटीय अनुमान को घटाकर संशोधित अनुमान एक करोड़ रूपये कर दिया गया । अर्थात यह बजटीय अनुमान से लगभग 96 प्रतिशत कम रहा । ’’ रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ वित्त वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान में आपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड के लिये कोई धन आवंटित नहीं किया गया है । ’’ संसदीय समिति ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर डिजिटल माध्यम से शिक्षा प्रदान करना बच्चों की जरूरत है ताकि आगे चलकर डिजिटल आनलाइन शिक्षा पठन पाठन एवं सीखने का एक वैकल्पिक तरीका बन जाए ।

समिति ने अपनी सिफारिश में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से कहा है कि, ‘‘ वह ई-शिक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने के वास्ते डिजिटल कार्यक्रमों के लिये अधिक धन आवंटित करने की संभावनाओं का पता लगाए । ’’ गौरतलब है कि ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड का उल्लेख 2018..19 के बजट में हुआ था । इस विषय पर प्रो. झुनझुनवाला के नेतृत्व में समिति गठित की गई थी और उसकी रिपोर्ट के आधार पर इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई थी ।

साल 2019 में इस अभियान की शुरूआत की गई। शुरूआत में इसे स्कूल स्तर पर 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा और बाद में कालेज एवं विश्वविद्यालय स्तर तक विस्तार करने का खाका तैयार किया गया ।

स्कूली स्तर पर 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा की शिक्षा देने वाले देश में 1.5 लाख स्कूल हैं और इनमें करीब सात लाख कक्षाएं हैं। वहीं कालेज एवं विश्वविद्यालय स्तर पर दो लाख कक्षाएं हैं । इस प्रकार से कुल नौ लाख कक्षाओं में डिजिटल ब्लैकबोर्ड लगाने की संकल्पना की गई थी ।

इन डिजिटल ब्लैकबोर्ड के माध्यम से फिल्म, लेक्चर, ट्यूटोरियल, गेम्स आदि के संयोग से विविध विषयों पर संकल्पनाओं एवं पाठ्यसामग्री को बच्चों को आसान भाषा में समझाने की योजना बनाई गई है । इसमें पाठ्य सामग्री भी होगी और ट्यूटोरियल भी होगा । छात्रों के संवाद के आधार पर शिक्षकों के जवाब भी यहां उपलब्ध होंगे ।