फासीवाद और धार्मिक कट्टरतावाद में एक और समानता है- महिलाओं के प्रति उनका दृष्टिकोण। फासीवादी जर्मनी में कहा जाता था कि महिलाओं की भूमिका रसोईघर, चर्च और बच्चों तक सीमित है।
पारंपरिक स्वास्थ्य पद्धतियाँ अक्सर शरीर और मन दोनों को एक साथ स्वस्थ रखने पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जो आधुनिक चिकित्सा की तुलना में अधिक समग्र दृष्टिकोण है। यह जीवनशैली संबंधी बीमारियों की रोकथाम…
आज जब हम बांग्लादेश के हालात को देखते हैं तो हमारी आंखों के सामने "द कश्मीर फाइल्स" फिल्म के उन दर्दनाक खौफनाक मंजरों की पुनरावृति होते हुए नज़र आती है और उस पुनरावृति…
सकारात्मक पहलू यह है कि पूरे राज्य में मतदान में समग्र सुधार हुआ है। इस बदलाव का श्रेय, हालांकि अपेक्षाकृत धीमा और क्रमिक है, इसका मुख्य रूप से श्रेय भारत के वर्तमान चुनाव…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में भाजपा और उसके सहयोगियों को मिली जीत तथा कई राज्यों में उपचुनावों में मिली बड़ी जीत को "एकता" तथा 'एक हैं तो सुरक्षित हैं' नारे के पीछे की भावना…
पाकिस्तान के यह सभी कठमुल्ले पंजाबी मूल के हैं। पाकिस्तान में भारत के मित्रों के लिए स्पेस खत्म हो चुका है। पाकिस्तान में निर्वाचित सरकार पर कठमुल्लों और सेना का दबाव अपने आप…
नई पेंशन योजना प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का एक अहम फैसला मानी जाएगी। इसका लक्ष्य सरकारी कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा देना है। इस तरह की नीति कोई दूरदर्शी नेतृत्व ही ला…
आरएसएस का तर्क यह था कि भगवा रंग अनादिकाल से हिन्दू राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता आ रहा है इसलिए देश को किसी नए झंडे की ज़रुरत नहीं है। यह बात अलग है कि…
भारत को अपने हेल्थ सेक्टर को बेहतर बनाने के लिए नर्सिंग क्षेत्र को और सशक्त बनाना होगा। हमारे यहां हर साल करीब ढाई लाख नई नर्से प्रशिक्षित होकर आ जाती हैं। यह बहुत…
लैटरल एंट्री पर महाभारत करने वालों को पता होना चाहिए कि यूपीएससी की भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी है। इसलिए इस मसले पर विवाद खड़ा करने का कोई ठोस आधार नहीं है।
हसीना के देश छोड़ने के बाद वहां अराजकता फैल गई। आवामी लीग (हसीना की पार्टी) के समर्थकों पर हमले हुए और उसके कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया गया।
भारत जब अपना स्वाधीनता दिवस मना रहा है, तब हमें स्वाधीनता सेनानियों के साथ-साथ उन तमाम अनाम शख्सियतों का स्मरण कर लेना चाहिए जिन्होंने शरणार्थियों को सहारा दिया था।
गांधी द्वारा ब्रिटिश साम्राज्यवाद से भारत की मुक्ति के लिए ‘करो या मरो’ के आह्वान के साथ शुरू किया गया भारत छोड़ो आंदोलन अथवा अगस्त-क्रांति भी भारत की एक बड़ी घटना थी।
मुझे याद है जब मैं कॉलेज-यूनिवर्सिटी में पढ़ता था, लोहिया के समाजवाद में दीक्षा ले रहा था और दलित-आदिवासी आरक्षण का समर्थक था, तब तक मंडल कमीशन लागू नहीं हुआ था और मेरे स्वजातीय लोगों…
जाति जनगणना आवश्यक है। कारण यह कि आरक्षण के प्रतिशत का निर्धारण दशकों पहले किया गया था और तब से लेकर अब तक विभिन्न जातियों की कुल आबादी में हिस्सेदारी में काफी परिवर्तन…
ऐसा लग रहा है कि देश की राजनीति में सांप्रदायिकता का ज़हर घुल चुका है। भाजपा और उसके गठबंधन साथियों को चुनाव में हराना, देश में बहुवाद की पुनर्स्थापना की ओर पहला कदम…
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा भी था सेना के तीनों अंगों में समन्वय का काम थोड़ा कठिन था; लेकिन, अब हमारी सेना बेहतर समन्वय के साथ हर चुनौती से निपटने के लिए…
पूजा खेडकर मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में प्रशिक्षण ले रही थीं। उन्हें महाराष्ट्र, शायद उनके अपने राज्य कैडर, में जिला प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। उन्हें एहसास नहीं…
भगदड़ इसलिए मची क्योंकि यह प्रचार किया गया था कि जिस मिट्टी पर बाबा चलता है, वह बहुत से रोगों को ठीक कर सकती है। सत्संग ख़त्म होने के बाद बाबा जब वापस…
क्या 1975 के आपातकाल के दौरान तत्कालीन संघ प्रमुख देवरस द्वारा आपातकाल के विरुद्ध हो रहे किसी भी आंदोलन से अपने संगठन के पृथक रहने के उनके निर्णय को संविधान की रक्षा से…
पाकिस्तान को लगता है कि ग्वादर पोर्ट के बन जाने से देश की तकदीर बदल जाएगी। पर बलूचिस्तान के अवाम को यह नहीं लगता है। उसका मानना है कि ग्वादर पोर्ट बनने से…
ब्रिटेन में खालिस्तानी फंडिंग नेटवर्क की कमर तोड़ने के लिए बनाई गई स्पेशल टास्क फोर्स ने खालिस्तान समर्थकों के 300 से ज्यादा बैंक खाते जब्त कर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम…
इस बीच, विराट कोहली अपनी पत्नी के साथ पिछले साल उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने सुबह चार बजे भस्म आरती की और भगवान का आशीर्वाद लिया। विराट कोहली ने आरती के…
भारत दुनिया को छोटे और मोटे अनाज के लाभ बताने-समझाने में अहम भूमिका निभा रहा है। हमारे देश में एशिया का लगभग 80 प्रतिशत और विश्व का 20 प्रतिशत मोटा अनाज पैदा होता…
दिल्ली के रामलीला मैदान में 15 जून 1975 को आयोजित एक विशाल रैली में जेपी ने पुलिस और सेना का आव्हान किया कि वो सरकार के आदेश न माने। इंदिरा गांधी के निर्वाचन…