लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं ने कहा- ‘हांगकांग में लोकतंत्र की लड़ाई विदेश में जारी रहेगी’


‘‘ 2021 हांगकांग घोषणापत्र’ नाम से जारी पत्र में कार्यकर्ताओं ने कहा, ‘‘ कई हांगकांग वासियों के आगे निर्वासन का जीवन जीवन जीने के अलावा कोई विकल्प नहीं है लेकिन जो हांगकांग में रह रहे हैं वे एक न एक दिन राजनीतिक उत्पीड़न होने के डर के साए में जी रहे हैं।’’


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हांगकांग। हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं ने अपनी लड़ाई को नया आयाम देते हुए विदेश में रह रहे हांगकांग वासियों के बीच ले जाने की कोशिश की है। उन्होंने यह कदम कार्यकर्ताओं के खिलाफ चीन की कार्रवाई और विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए हांगकांग की अर्ध स्वायत्त चुनाव प्रणाली को बदलने की पृष्ठभूमि में उठाया है।

‘‘ 2021 हांगकांग घोषणापत्र’ नाम से जारी पत्र में कार्यकर्ताओं ने कहा, ‘‘ कई हांगकांग वासियों के आगे निर्वासन का जीवन जीवन जीने के अलावा कोई विकल्प नहीं है लेकिन जो हांगकांग में रह रहे हैं वे एक न एक दिन राजनीतिक उत्पीड़न होने के डर के साए में जी रहे हैं।’’

पत्र में कहा गया, ‘‘ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से लागू वर्ष 2021 चुनाव सुधार से हमारे चुनाव में लोकतांत्रिक तत्व और कमजोर हो गया और ‘‘एक देश दो विधान’’ की व्यवस्था के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा।’’

उल्लेखनीय है कि 1997 में ब्रिटेन ने हांगकांग को अपने औपनिवेशक शासन से मुक्त कर चीन को सौंपा था। उस वक्त ‘‘एक देश दो विधान’’की बात कही गई थी। इस पत्र पर आठ प्रमुख विपक्षी नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं और चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की ‘वैश्विक आक्रमकता’ के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन का आह्वान किया है।

पत्र में चीन द्वारा हांगकांग सरकार और पुलिस में सुधार और पिछले साल लागू राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को खत्म कराने में भी सहयोगी की अपील की गई है।

ब्रिटेन में रह रहे नाथन लॉ ने रविवार को ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ चीन के भारी दबाव की स्थिति में विदेश में रह रहे हांगकांग निवासियों की अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित कराने की जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक बढ़ जाती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि देश से बाहर रह रहा समुदाय उस दिन तब लड़ाई जारी रखेगा जबतक कि हमें अपना नेता चुनने की आजादी नहीं मिलती।’’

 



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