
चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने किसानों को दी जा रही मुफ्त बिजली वापस लिये जाने के खिलाफ शुक्रवार को पंजाब सरकार को चेतावनी दी और कहा कि अगर ऐसा किया जाता है तो सरकार को उनकी पार्टी के विरोध का सामना करना होगा।
सुखबीर ने कहा, किसानो को मिल रही मुफ्त बिजली को वापस लेने की दिशा में अगर आपने एक भी कदम उठाया तो पहले से ही संकटग्रस्त किसानों के हितों की रक्षा के लिए शिअद की ओर से एक अप्रत्याशित आंदोलन का सामना करने के लिए आपको और आपकी सरकार को तैयार रहना होगा। पंजाब सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है जिसने कोरोना वायरस के बाद की अवधि में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये कुछ सख्त उपायों की सिफारिश की है। सुखबीर का बयान इसके बाद आया है।
पंजाब सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है जिसने कोरोना वायरस के बाद की अवधि में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये कुछ सख्त उपायों की सिफारिश की है। सुखबीर का बयान इसके बाद आया है।
विशेषज्ञ समूह ने कर्मचारियों के वेतन के भुगतान को टालने की सिफारिश की है और किसानों को दी जा रही मुफ्त बिजली के प्रतिकूल टिप्पणी की है। विशेषज्ञों के इस समूह में पूर्ववर्ती योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया हैं । इस समूह ने अपनी पहली रिपोर्ट में कहा है कि कि मुफ्त बिजली ने पंजाब के विकास के लिए आवश्यक अन्य खर्चे की सरकार की क्षमता को सीमित कर दिया है।
सुखबीर ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल इस रिपोर्ट को खारिज करता है। शिअद प्रमुख ने मुख्यमंत्री से मुद्दे की गंभीरता का एहसास करने और इन सिफारिशों को खारिज करने की अपील की। पंजाब के उप मुख्यमंत्री रह चुके सुखबीर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह किसानों को मिलने वाली मुफ्त बिजली को बंद करने का हमेशा से बहाना खोजते रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वह इसे अपने पिछले कार्यकाल में ही बंद करना चाहते थे।