मुंबई। शिवसेना ने कोविड-19 संकट के बीच महाराष्ट्र में मंदिर खोलने की मांग को लेकर सोमवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए पूछा कि अगर कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में दोबारा ‘विस्फोटक’ वृद्धि हुई तो क्या वह इसकी जिम्मेदारी लेगी।
महाराष्ट्र में विपक्षी दल भाजपा ने राज्य में धार्मिक स्थल फिर से खोलने की मांग को लेकर पिछले हफ्ते मंदिरों के बाहर प्रदर्शन किया था।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा था कि लोग जानते हैं कि मंदिर खुलने के बाद शारीरिक दूरी का किस तरह पालन किया जाना है। शिवसेना ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के प्रदर्शन के दौरान ‘नियमों की धज्जियां उड़ाईं’ गईं थी। लिहाजा, विपक्ष को अपनी मांग उठाने से पहले महाराष्ट्र में हालात को समझना चाहिये।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में पूछा गया है, ‘अगर दोबारा कोविड-19 विस्फोट हुआ तो क्या विपक्षी दल उसकी जिम्मेदारी लेगा।’
संपादकीय में सवाल किया गया कि भाजपा का प्रदर्शन धार्मिक था या राजनीतिक। साथ ही इसमें कहा गया है कि विपक्षी नेताओं को यह जानने की कोशिश करनी चाहिये कि मंदिर क्यों बंद किये गए।
उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा, ‘जहां भी स्कूल और धार्मिक स्थल खुले हैं, वहां कोविड-19 पैर पसार रहा है। तिरुपति बालाजी मंदिर भी इससे प्रभावित हुआ है।’