श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्र शासित प्रदेश में युवाओं को कट्टरपंथ के रास्ते पर जाने से रोकने के लिये व्यापक उपाय किये जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हजारों मील दूर से आतंकी तत्व दुष्प्रचार के जरिये समाज के एक बड़े तबके में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
उप राज्यपाल (एलजी) ने अपने संबोधन में कहा कि आतंकवादी संगठनों द्वारा किसी व्यक्ति की सोच को बदलने के बाद उसे हथियार उठा लेने के लिये राजी कर लेने तक यह प्रक्रिया सीमित नहीं है, बल्कि आतंकी तत्व काफी तीव्र गति से ऑनलाइन और ऑफलाइन दुष्प्रचार के जरिये हजारों मील दूर से समाज के एक बड़े हिस्से में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कट्टरपंथ-रोधी उपायों के तहत एक बखूबी समन्वित, समुदाय समर्थित मंच अवश्य होना चाहिए, ताकि आतंकवाद की विचारधारा के खिलाफ सही विचारों का प्रचार किया जा सके।
सिन्हा ने कहा, ‘‘कट्टरपंथ को रोकने और इसे घटाने पर हमारी रणनीति अवश्य ही समावेशी होनी चाहिए तथा शांति, समृद्धि एवं सौहार्द के संदेश को बढ़ावा देने के लिये समुदाय के प्रमुख लोगों को शामिल करना चाहिए।’’
एलजी ने सीमा पार से आतंकवाद को मिलने वाले धन को रोकने के लिये रणनीति में नियमित रूप से बदलाव करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कर हम व्यापक प्रतिक्रिया के जरिये इससे निपट सकेंगे।’’ उन्होंने कहा कि साइबर निगरानी और ‘डार्क वेब’ की दुर्भावनापूर्ण सामग्री पर चौबीसों घंटे निगरानी एक और चुनौती है।
डार्क वेब, इंटरनेट का वह हिस्सा है, जो सर्ज इंजन में नहीं दिखता है।
सिन्हा ने जम्मू कश्मीर पुलिस की सराहना करते हुए कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति कायम रखने के अलावा, आप हमारे पड़ोसी देश द्वारा जारी आतंकी गतिविधियों से भी लड़ रहे हैं।’’