वाशिंगटन। अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनने जा रहे जो बाइडन की पांच महत्वपूर्ण राज्यों में जीत न केवल अमेरिकियों के लिए बड़ी उपलब्धि है बल्कि इसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘विदेशियों और अजनबियों के प्रति घृणा की सोच’ (जेनोफोबिया) को स्पष्ट रूप से नकारा भी गया है। एक प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकी सांसद ने यह बात कही।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कांग्रेस के 17वें डिस्ट्रिक्ट कैलिफोर्निया से लगातार तीसरी बार चुने गये रो खन्ना (44) ने विश्वास जताया कि बाइडन और उप राष्ट्रपति बनने जा रहीं कमला हैरिस का प्रशासन सफल होगा।
खन्ना ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह अमेरिका और डेमोक्रेटों के लिए बड़ी जीत है।’’ उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण पांच राज्यों में मौजूदा राष्ट्रपति के खिलाफ मतदान एक बड़ी उपलब्धि है।
खन्ना के मुताबिक बाइडन ने सभी 50 राज्यों में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को 2008 में मिले वोटों से अधिक मत (पॉपुलर वोट) हासिल किए हैं। बाइडन को कुल 7.86 करोड़ मत (पॉपुलर वोट) मिले हैं जबकि रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप को 7.31 करोड़ वोट मिले हैं। ओबामा को 2008 में कुल 6.9 करोड़ वोट मिले थे।
अमेरिका के सभी 50 राज्यों से इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की ताजा गिनती के अनुसार बाइडन को 538 इलेक्टोरल कॉलेज वोट में से 306 पर सफलता मिली है जबकि ट्रंप के खाते में 232 आए हैं। ट्रंप ने पेनसिल्वेनिया, नेवाडा, मिशिगन, जॉर्जिया और ऐरिजोना समेत अनेक राज्यों में चुनाव परिणामों को चुनौती दी है। उन्होंने विस्कोन्सिन में पुन: मतगणना की भी मांग की है।
खन्ना ने कहा, ‘‘चुनाव परिणाम एक बहुजातीय, बहुनस्ली अमेरिका के दृष्टिकोण तथा कामकाजी और मध्यम वर्गीय अमेरिकियों की मदद वाली नीतियों के खिलाफ ट्रंप की विदेशियों के प्रति घृणा वाली सोच को स्पष्ट रूप से नकारता है।’’