
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के चिड़ियाघर में बृहस्पतिवार को 15 साल के बीमार बंगाल टाइगर की दहाड़ हमेशा के लिए बंद हो गई। बंगाल टाइगर ‘बी-2’ की तबियत पिछले कुछ महीनों से खराब चल रही थी। बीमारी के चलते इस बाघ की मौत हो गई।
चिड़ियाघर के निदेशक रमेश पांडेय ने बताया कि ‘बी-2’ नाम के इस बाघ की कुछ महीनों से तबियत खराब थी। बृहस्पतिवार को सुबह सवा नौ बजे उसकी मौत हो गई। ‘बी-2’ को 2014 में भोपाल के वन विहार चिड़ियाघर से लाया गया था। उसने अपना औसत जीवन काल पूरा कर लिया था।
बंगाल टाइगर की उम्र औसतन आठ से 10 साल होती है और अधिकतम उम्र लगभग 15 वर्ष होती है। उन्होंने कहा, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली के विशेषज्ञों के परामर्श से जानवर को सर्वोत्तम संभव उपचार दिया गया।
पशु चिकित्सकों के एक पैनल द्वारा कंकाल का परीक्षण किया जाएगा और उसके बाद उसे हिस्टो-पैथोलॉजिकल और अन्य परीक्षाओं के लिए आईवीआरआई भेजा जाएगा ताकि मौत के कारणों का पता लगाया जा सके। दिल्ली चिड़ियाघर में एक साल पहले तक तीन रॉयल बंगाल टाइगर थे।