जहरीली गैस मामला में एक गिरफ्तार, मिल मालिक फरार


शक्ति पल्प एंड पेपर्स लिमिटेड में जहरीली गैस की चपेट में आने से सात लागों के बीमार होने की घटना के बाद पुलिस ने मिल में ऑपरेटर का काम करने वाले आरोपी रंजीत सिंहको गिरफ्तार कर लिया है।


भाषा भाषा
सिटीज Updated On :

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में जहरीली गैस की चपेट में आकर सात मजदूरों के बीमार होने की घटना के दो दिन बाद पुलिस ने एक कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है। रायगढ़ जिले के पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि जिले के पुसौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत तेतला गांव के “शक्ति पल्प एंड पेपर्स लिमिटेड” में जहरीली गैस की चपेट में आने से सात लागों के बीमार होने की घटना के बाद पुलिस ने मिल में ऑपरेटर का काम करने वाले आरोपी रंजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। रंजीत इस घटना में प्रभावित भी हुआ था। तथा उसे अस्तपाल से छुट्टी देने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकरण में संजीवनी नर्सिंग होम के प्रबंधक को पुलिस ने कानूनी जवाबदेही में हुई चूक पर नोटिस भेजा गया है।अस्पताल के प्रबंधक पर आरोप है कि ऐसे गंभीर मामले की सूचना तत्काल नजदीकी थाना को अथवा संबंधित अधिकारियों को दिया जाना था। अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल प्रबंधक का जवाब प्राप्त होने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने बताया कि पुसौर थाने की पुलिस इस मामले में पेपर मिल मालिक के रायगढ़ स्थित निवास और अन्य संभावित स्थानों पर दबिश दे रही है। आरोपी फरार है तथा उसकी पतासाजी की जा रही है। इधर पेपर मिल में जहरीली गैस के रिसाव के बाद जिला प्रशासन ने मिल को सील कर दिया है तथा उत्पादन पर रोक लगा दी गई है।

जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के उप संचालक एमके श्रीवास्तव ने मिल की जांच में पाया कि प्रबंधन ने कार्यरत श्रमिकों को न तो व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए और न ही सफाई के दौरान कोई प्रशिक्षित सुपरवाइजर उपस्थित था।

बुधवार को यहां से 20 किलोमीटर दूर पुसौर क्षेत्र के तेतला गांव में लाकडाउन में बंद “शक्ति पल्प एंड पेपर्स लिमिटेड” में ओवरटेंक की सफाई के दौरान सात श्रमिक गैस रिसाव की चपेट में आ गए थे। घटना के बाद सभी को यहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में इनमें से तीन की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें रायपुर भेज दिया गया था।

वहीं फैक्टरी के संचालक दीपक गुप्ता ने बताया कि मिल दो माह से बंद था, तीन श्रमिक ओवरटैंक की सफाई कर रहे थे तथा उन्हें बचाने के लिए चार श्रमिक और उतरे। इस तरह सभी सात श्रमिक बीमार हो गए।