नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि सरकार की योजना वृत्तचित्र और लघु फिल्मों सहित सभी तरह की अच्छी फिल्मों को प्रोत्साहित करने की है।
उन्होंने ‘ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कोरोना वायरस लघु फिल्म महोत्सव’ के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह किसी ‘संचार क्रांति’ से कम नहीं है। इसमें स्मार्टफोन रखने वाला हर व्यक्ति जिसके पास कहने के लिए कोई कहानी है, वह फिल्म निर्माता है।
मंत्री ने कहा, ‘‘आज लोग ‘सिटिजन जर्नलिस्ट’ बन गए हैं, वे मोबाइल फोन से फिल्मांकन करते हैं और यहां तक कि संपादित भी करते हैं और इस तरह से उनका लघु फिल्म तैयार हो जाता है। यह संचार क्रांति हैं।’’
जावड़ेकर ने कहा, ‘‘भारतीय अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में हम 21 गैर फीचर फिल्मों का प्रदर्शन करेंगे, यहां तक कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में 70 मिनट की सीमा के तहत लघु फिल्मों के लिए कई श्रेणिया हैं। मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी वृत्तचित्रों और फिल्म बनाने वालों को पुरस्कृत किया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह सरकार की योजना है… सभी तरह की फिल्मों…।’’
जावड़ेकर ने कहा कि प्राणघातक बीमारी पर आधारित लघु फिल्मों का महोत्सव बहुत ही अद्भुत विचार है।
गौरतलब है कि कि ‘ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कोरोना वायरस लघु फिल्म महोत्सव’ का आयोजन इंडियन इफोटेंनमेंट मीडिया कॉरपोरेशन (आईआईएमएसी) ने किया है और इसमें कोविड-19 पर बनी 108 देशों की करीब 2,800 फिल्में शामिल की गयी हैं।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बार नकवी और आईआईएमएसी के अध्यक्ष देवेंद्र खंडेलवाल भी मौजूद थे।
नकवी ने आयोजकों को महोत्सव आयोजित करने और देश ही नहीं पूरी दुनिया में हो रही घटनाओं का फिल्मांकन करने के लिए बधाई दी।
केंद्र में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नकवी ने कहा कि महामारी की वजह से लंबे समय तक फिल्मों की शूटिंग स्थगित रही।
उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में लघु फिल्मों ने न केवल लोगों का मनोरंजन किया बल्कि कोविड-19 की वजह से उत्पन्न चुनौतियों के प्रति भी उन्हें जागरूक किया।
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब भी देश में संकट आया सरकार, समाज, सिनेमा और मीडिया ने राष्ट्रीय हित और मानव कल्याण के लिए पूरी ईमानदारी से अपनी भूमिका निभाई है।
नकवी ने कहा, ‘‘ पिछले 10 महीनों में प्रशासन, समाज, सिनेमा और मीडिया के कार्य करने के तरीके, चरित्र और प्रतिबद्धता में सकारात्मक रूप से क्रांतिकारी बदलाव आया है।’’