धर्मशाला। तिब्बत की निर्वासित सरकार ने नई तिब्बत नीति पर हस्ताक्षर करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आभार प्रकट किया है।
ट्रंप ने रविवार को एक ऐसे विधेयक पर हस्ताक्षर किए, जिसमें तिब्बत में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास स्थापित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने की बात की गई है कि अगले दलाई लामा का चयन केवल तिब्बती बौद्ध समुदाय के लोग करें एवं इसमें चीन का कोई हस्तक्षेप नहीं हो। अमेरिका की ‘तिब्बत नीति एवं समर्थन कानून 2020’ में तिब्बत संबंधी विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रावधानों में संशोधन किया गया है।
धर्मशाला स्थित निर्वासित तिब्बती संसद की ओर से जारी बयान में उसके स्पीकर पेमा जुंगने ने कहा, ‘‘यह कदम आधिकारिक रूप से इस बात का अनुमोदन करता है कि दलाई लामा के अवतरण को मान्यता देना केवल महान चौदहवें दलाई लामा, तिब्बती बौद्ध नेताओं और तिब्बती लोगों का एकाधिकार है तथा इसमें चीन सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘यह कदम तिब्बती पठार की महत्ता को मान्यता देता है और जलवायु परिवर्तन के कारण तिब्बत के समक्ष पैदा हो रहे खतरे को चिह्नित करता है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘अमेरिका के राष्ट्रपतियों ने पिछले कई साल में तिब्बत के मुद्दे का लगातार समर्थन किया है। चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाकर हमें लगातार समर्थन देने के लिए हम आपके बहुत आभारी है। चीन सरकार आर्थिक रूप से सबसे शक्तिशाली है, लेकिन मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर उसका रिकॉर्ड सबसे खराब है।’’