COVID-19 : बार एसोसिएशन ने चीन से क्षतिपूर्ति की मांग के लिए कानून में बदलाव की अपील की


बार एसोसिएशन ने कहा किइस महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था घुटनों के बल आ गई है और 2752 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाए, ‘यह महामारी चीन की करतूत है। सरकार के आदेश से वहां की प्रयोगशालाओं में यह वायरस विकसित किया गया, जो अब अपनी हरकतों को छुपाने का प्रयास कर रहा है।’


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नई दिल्ली। अखिल भारतीय बार एसोसिएशन ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 86 में बदलाव की मांग की जिसमें किसी नागरिक को विदेशी सरकार पर मुकदमा करने की अनुमति नहीं है।

एसोसिएशन ने कोविड-19 महामारी से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए चीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की अनुमति देने की मांग की है। महामारी को चीन की ‘करतूत’ बताते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश सी. अग्रवाल ने कहा कि सरकार को सीपीसी की धारा में बदलाव के लिए अध्यादेश लाना चाहिए ताकि भारतीय नागरिक बीमारी के लिए चीन से क्षतिपूर्ति की मांग कर सकें।
इस महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था घुटनों के बल आ गई है और 2752 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाए, ‘यह महामारी चीन की करतूत है। सरकार के आदेश से वहां की प्रयोगशालाओं में यह वायरस विकसित किया गया, जो अब अपनी हरकतों को छुपाने का प्रयास कर रहा है।’
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अग्रवाल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि भारत के सीपीसी की धारा 86 के मुताबिक किसी भी दूसरे देश पर किसी भी अदालत में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। उन्होंने कहा, चीन के खिलाफ किसी व्यक्ति के पास आज कोई कानूनी रास्ता मौजूद नहीं है। कोई व्यक्ति क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर सीधे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी नहीं जा सकता है।



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