नई दिल्ली/हैदराबाद / अहमदाबाद। दिल्ली के केंद्रीय भंडारण केंद्र राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) में मंगलवार दोपहर को कोविशील्ड टीके की पहली खेप पहुंच गयी।
सूत्रों के अनुसार टीके की इस खेप को लेकर सुबह करीब दस बजे स्पाइसजेट की उड़ान दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरी। उसके बाद दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार के सबसे बड़े कोविड-19 अस्पताल तक उसे सुरक्षित ढंग से पहुंचाने में सहयोग के लिए ‘ग्रीन कोरिडोर’ (निर्बाध मार्ग) कायम किया। चार दिन बाद देशभर में कोरोना वायरस के विरूद्ध टीकाकरण अभियान शुरू होने वाला है।
सूत्रों ने कहा, ‘‘ टीके को लेकर ट्रक करीब तीन बजकर 10 मिनट पर अस्पताल पहुंचा।’’ सूत्रों के अनुसार टीके के भंडारण के लिए आरजीएसएसएच में समुचित व्यवस्था की गयी है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय एवं ब्रिटिश स्वीडिश कंपनी आस्ट्रेजेनेका ने किया विकसित
पुलिस उपायुक्त (इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) राजीव रंजन ने बताया कि भंडार स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं और पुलिस नियंत्रण कक्ष की गाड़ियां अपनी गश्त योजना के तहत उसके आसपास भी चक्कर लगाएंगी।
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) अमित शर्मा ने कहा, ‘‘ हमने राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के भंडारण क्षेत्र में कर्मी तैनात किये हैं।’’
पहले अधिकारियों ने बताया था कि कोविशील्ड की 2.54 लाख से अधिक खुराक आरजीएसएसएच पहुंचायी जाएंगी। इस टीके को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय एवं ब्रिटिश स्वीडिश कंपनी आस्ट्रेजेनेका ने विकसित किया है और उसका उत्पादन सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कह, ‘‘ आरजीएसएसएच के भंडारण केंद्र में टीके की करीब 50000 शीशियां रखी जा सकती हैं और उसे तापमान नियंत्रित माहौल में रखने के लिए सभी इंतजाम किये गये हैं।’’
वहां से ये टीके कड़ी सुरक्षा में विशेष वाहनों से टीकाकरण केंद्रो पर पहुंचाये जायेंगे।
तेलंगाना को मिली 3.64 लाख खुराक की पहली खेप
तेलंगाना सरकार ने मंगलवार को कहा कि ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ (एसआईआई) के कोरोना वायरस टीके ‘कोविशील्ड’ की 3.64 लाख खुराक की पहली खेप उन्हें मिल गई है। ‘स्पाइजेट’ का एक मालवाहक विमान इसे लेकर यहां पहुंचा।
तेलंगाना के जन स्वास्थ्य विभाग के निदेशक जी. श्रीनिवास राव ने कहा, ‘‘ सरकार को ‘सीरम इंस्टीट्यूट’ के टीके कोविशील्ड की 3.64 लाख खुराक मिल गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ टीकों को 139 केन्द्रों पर भेजा जाएगा, जहां 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू होगा।’’ अधिकारी ने बताया कि 18 जनवरी को अन्य केन्द्रों पर टीकाकरण शुरू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 1,213 केन्द्रों में 1,400 से अधिक काउंटर पर टीके लगाने की व्यवस्था की गई है, जहां अग्रिम मोर्चे पर तैनात 3.10 लाख कर्मियों को टीका लगाया जाएगा।’’
‘कोविशील्ड’ के डिब्बे अपराह्न साढ़े 11 बजे हवाईअड्डे पर पहुंचे थे और वहां से इन्हें कोटि स्थित टीकों के भंडारण केन्द्र ले जाया गया।
शमशाबाद के डीसीपी प्रकाश रेड्डी ने बताया कि हवाईअड्डे के मालवाहक केन्द्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी और पुलिस की कड़ी सुरक्षा के साथ इन्हें सरकारी केन्द्र भेजा गया। टीकों के भंडारण केन्द्र पर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूजा करने के बाद टीकों के डिब्बों को ‘फ्रीजर’ में रख दिया गया।
राज्य सरकार ने पहले ही राज्य भर में लगभग तीन करोड़ खुराक रखने के लिए ‘कोल्ड चेन स्टोरेज’ की व्यवस्था कर ली थी।
गुजरात को मिली टीकों की 2.76 लाख खुराकें
महाराष्ट्र के पुणे में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) से मंगलवार को रवाना किये जाने के कुछ ही घंटे बाद ‘कोविडशील्ड’ टीकों की खेप गुजरात के अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंच गई।
दोपहर के समय राज्य के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा के साथ हवाई अड्डे पर पहुंचे उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने टीकों की आमद को ‘बहुप्रतीक्षित क्षण’ करार दिया।
पटेल ने हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘आज हमें कोरोना वायरस टीकों की 2.76 लाख खुराकें मिली हैं। लोग इन टीकों के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और आखिरकार ये यहां पहुंचे गए।’ उन्होंने कहा कि ये खुराकें अहमदाबाद, गांधीनगर और भावनगर सेक्टरों के लिये हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा टीके की 93,500 खुराकें बुधवार को पुणे से सड़क मार्ग के जरिये सूरत पहुंच जाएंगी जबकि 94,5000 खुराकें वडोदरा और 77,000 खुराकें राजकोट पहुंचेंगी। अधिकारियों ने कहा कि इन टीकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध के बीच विभिन्न गंतव्यों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर टीकों को रखा जाएगा, वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इससे पहले, भारत में 16 जनवरी से कोविड-19 के लिये शुरू होने जा रहे राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की तैयारियों के तहत मंगलवार को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से ‘कोविडशील्ड’ टीके की पहली खेप विभिन्न स्थानों की ओर रवाना की गई।









