नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने तेलंगाना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) को आदेश दिया है कि वह राज्य में प्रदूषण फैलाने वाली दवा कंपनियों से जुर्माने के तौर पर 1.55 करोड़ रुपए वसूल करे।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य पीसीबी से कहा कि वह कंपनियों से यह राशि वसूले और भुगतान नहीं करने वाली कंपनियों को बंद करने समेत उनके खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई करे।
एक समिति ने सभी दवा निर्माता कंपनियों पर एक साल और श्रीकार्तिकेय फार्मा पर छह माह के लिए पर्यावरणीय मुआवजा लागू करने की सिफारिश की थी, जिसके बाद एनजीटी ने यह आदेश पारित किया।
पीठ ने कहा, यह औद्योगिक क्षेत्र प्रदूषित है और ये उद्योग ‘रेड श्रेणी’ के उद्योगों में आते हैं। ऐसे में, पर्यावरण संबंधी नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी की आवश्यकता है।
हरित पैनल ने तेलंगाना राज्य प्रदूषण बोर्ड से कहा कि वह पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करती पाई गई इकाइयों पर ‘‘प्रदूषक भुगतान करता है’’ का सिद्धांत लागू करें।
वकील श्रवण कुमार ने याचिका दायर करके महबूबनगर जिले के जडचर्ला में टीएसआईआईसी एसईजेड में दवा कंपनियों पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया था। याचिका में कहा गया है कि ये कंपनियां प्रदूषण संबंधी नियमों का पालन नहीं कर रही हैं।