संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने की अफगानिस्तान में संघर्ष विराम की अपील


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान की पार्टियों से कोरोना वायरस महामारी से निपटने और पूरे देश में मानवीय सहायता सुनिश्चित करने के वास्ते तत्काल संघर्ष विराम का मंगलवार को आग्रह किया।



संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान की पार्टियों से कोरोना वायरस महामारी से निपटने और पूरे देश में मानवीय सहायता सुनिश्चित करने के वास्ते तत्काल संघर्ष विराम का मंगलवार को आग्रह किया। परिषद ने अफगानिस्तान की पार्टियों से संयुक्त राष्ट्र महासचिव के तत्काल संघर्ष विराम संबंधी आह्वान पर ध्यान देने की अपील की है। परिषद ने संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि इंग्रिड हेडन द्वारा एक संक्षिप्त ब्रीफिंग के बाद प्रेस को एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया है, ‘‘कोरोना वायरस सभी के लिए खतरा बना हुआ है और इससे अफगानिस्तान के लोगों के स्वास्थ्य को भी खतरा है।’’ बयान में कहा गया है कि यह विभाजन का समय नहीं है। यह समय एकजुटता दिखाने का है। सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व से अपने मतभेदों को दूर करने और देश के हित को सामने रखने का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने 23 मार्च को तत्काल वैश्विक संघर्ष विराम का आह्वान किया था ताकि विश्व कोरोना वायरस का मुकाबला कर सके।

दो राष्ट्रपति ले चुके हैं शपथ
आपको बता दे कि अफगानिस्तान में गत महीने हुए चुनाव में अफगानिस्थान के मौजूदा राष्ट्रपति असरफ गनी की पार्टी राष्ट्रपति का चुनाव जीती थी। जिसके बाद वहां के विपक्षी नेता अब्दुल्ला अब्दुला ने असरफ गनी पर धोखाधड़ी कर चुनाव जीतने का आरोप लगाया था और दूबारा चुनाव करने की मांग की थी, लेकिन वहां के चुनाव आयोग ने उनकी मांगो को ठुकरा दिया था और राष्ट्रपति पद के चुनाव में असरफ गनी विजयी घोषित किया था । इसके बाद गत महीने जिस दिन राष्ट्रपति असरफ गनी शपथ लिए उसी दिन उनके विपक्षी नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी राष्ट्रपति पद की शपथ ली। जिसके बाद अफगानिस्तान में राजनिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है और आने वाले दिनों में सघर्ष बढ़ने के आसार पैदा हो गए हैं। वहीं अमेरिका वहां से किसी भी तरह से निकलने को बेचैन तालिबान से समझौता कर तालिबान के खिलाफ किसी भी कार्रवाई में पड़कर उलझना नहीं चाहता है। ऐसे में वहां पर बहुत बड़े राजनीतिक संकट और नए तरह के संघर्ष की आहत सुनाई दे रही है जो शायद भातर के हित में नहीं होगा।



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