कोरोना पर अमेरिका-चीन में बढ़ी रार, खुफिया रिपोर्टों के आधार पर अमेरिका ने चीन के आंकड़ों को झुठलाया


रिपब्लिकन सांसदों ने ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए नाराजगी जताई थी कि बीजिंग ने वुहान से शुरू हुए संक्रमण और उससे होने वाली मौतों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह किया। ब्लूमबर्ग ने यह रिपोर्ट अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से प्रकाशित की है।


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विदेश Updated On :

वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना
वायरस पर चीन के आधिकारिक आंकडों पर संदेह जताया है। दरअसल अमेरिका के सांसदों ने
एक खुफिया रिपोर्ट के आधार पर चीन पर इस पूरे मामले की सच्चाई को छिपाने का आरोप
लगाया जिसके बाद ट्रंप ने यह प्रतिक्रिया दी।

ब्लूमबर्ग
ने प्रकाशिक की है रिपोर्ट

ट्रंप ने
संवाददाताओं से कहा कि हमें कैसे पता चलेगा कि आंकड़े सटीक हैं। संख्या कम प्रतीत
होती है। हालांकि उन्होंने कहा कि चीन के साथ अमेरिका के संबंध अच्छे हैं और चीन
के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ उनसे निकट संबंध हैं। रिपब्लिकन
सांसदों ने ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए नाराजगी जताई थी कि बीजिंग
ने वुहान से शुरू हुए संक्रमण और उससे होने वाली मौतों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को
गुमराह किया। ब्लूमबर्ग ने यह रिपोर्ट अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से प्रकाशित
की है।

चीन नहीं
है भरोसेमंद सहयोगी


जॉन्स
हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के अनुसार चीन ने बुधवार तक संक्रमण के कुल 82,361 मामले और 3,316 लोगों की मौत के आंकडें जारी किए थे। रिपब्लिकन सांसद
बेन सासे ने चीन के इन आंकडों को बकवास बताया है। उन्होंने कहा कि चीन की तुलना
में अमेरिका में संक्रमण से ज्यादा मौतें होने का दावा गलत है। इसी रिपोर्ट पर
प्रतिनिधि सभा में विदेश मामलों की समिति में शीर्ष रिपब्लिक सांसद माइकल मैकॉल ने
कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में चीन भरोसेमंद सहयोगी नहीं है।

जांच की
उठी मांग


मैकॉल ने
कहा कि इंसान से इंसान में संक्रमण फैलने के बारे में उन्होंने पूरी दुनिया से झूठ
बोला, सच्चाई बताने वाले चिकित्सकों और पत्रकारों को खामोश
किया और अब वे संक्रमितों से संबंधित सही आंकडे छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। कई
सांसदों ने विदेश मंत्रालय से इस मामले की जांच कराने की मांग की है।