नई दिल्ली। खुला मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अनीता वर्मा की लघुकथा पुस्तक “लॉक-अनलॉक” का लोकार्पण पीतमपुरा में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया। पुस्तक में लॉकडाउन के समय की कहानियों के बारें में चर्चा करते हुए अनीता वर्मा ने कहा कि इस पुस्तक में कुछ कहानियां पुलिस विभाग के सकारात्मक व्यवहार व उनके आम जनता के साथ सहयोग के बारें में हैं इसलिए मैं यह पुस्तक पुलिस विभाग को उनके सम्मान में समर्पित करती हूं। डीसीपी प्रणव तायल ने अपने संदेश में उनकी पुस्तक की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी व कहा कि यह आम जनता व उनके विभाग के बीच में एक कड़ी का काम करेगी।
वरिष्ठ साहित्यकार व लघुकथा लेखक सुभाष नीरव ने पुस्तक पर अपनी राय देते हुए कहा कि- पुस्तक की लघुकथाओं का फलक विस्तृत है व उस समय की त्रासदी को बखूबी बयान करती है। हर कहानी के पात्र, उनके संदर्भ एक नए आयाम की ना केवल चर्चा करते हैं बल्कि उन्हें अपने साथ बहा ले जाने की क्षमता रखते हैं।
सुप्रसिद्ध साहित्यकार अलका सिन्हा ने पुस्तक के बारें में बोलते हुए कहा कि यह संग्रह निःसन्देह सहज रूप से अपनी बात पाठकों तक पहुंचाता है और कहानियां मानवीय संवेदनाओं को उल्लेखनीय है कि सुप्रसिद्ध कहानीकार व हिन्दुस्तान समाचार पत्र की एक्ज़िक्यूटिव एडिटर जंयती रंगनाथन ने पहले ही कवर पर लिखते हुए कहा कि यह पुस्तक उस कठिन समय का महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
शिक्षा विभाग से उप निदेशक निर्मला ने कहा कि अनीता वर्मा एक सशक्त क़लमकार हैं व पिछले तीस सालों उच्च स्तर का मंच संचालन करती आ रही हैं। ग़ज़लकार डॉ. चरनजीत सिंह ने विस्तार से अनीता वर्मा की लेखन शैली व उनकी तमाम रचनाओं पर चर्चा की।