नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगों पर विचार करने का अनुरोध किया और कहा कि अगर वह ऐसा करती है तो यह किसी के सामने ‘‘झुकना’’ नहीं होगा।
उन्होंने सचिवालय में दिल्ली के लिए एक पर्यटन ऐप लॉन्च करने के एक कार्यक्रम के इतर कहा, ‘हम भगत सिंह की जयंती मना रहे हैं। उन्होंने देश की आजादी के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने इस दिन के लिये आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी थी कि किसानों को अपनी मांगों को मनवाने के लिये सड़कों पर बैठकर एक साल तक विरोध करना पड़े।’
संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया, जिसमें चालीस किसान यूनियन शामिल हैं। केजरीवाल ने कहा, “(केंद्र) सरकार को उनकी मांगों पर विचार करना चाहिए। किसानों की मांगों पर विचार करना किसी के सामने झुकने जैसा नहीं होगा क्योंकि किसान भी हमारे देश के लोग हैं।”
मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान नवंबर 2020 से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को अपनी मांगों को उठाने के लिए बार-बार विरोध करने और भारत बंद का आह्वान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी मांगें जायज हैं और केंद्र को उन पर विचार करना चाहिए।
एक अन्य कार्यक्रम में केजरीवाल ने कहा कि यह ‘दुखद’ है कि किसानों को अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए भगत सिंह की जयंती पर भारत बंद का आह्वान करना पड़ रहा है।
दिल्ली विधानसभा में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करने के बाद उन्होंने कहा, “अगर स्वतंत्र भारत में किसानों की नहीं सुनी जाएगी, तो उनकी कहां सुनी जाएगी? मैं केंद्र सरकार से उनकी मांगों पर जल्द से जल्द विचार करने की अपील करता हूं।” केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी भारत बंद के आह्वान का समर्थन किया है।