छह फलस्तीनी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन एनएसओ स्पाइवेयर के जरिये हैक किए गए: रिपोर्ट

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यरुशलम। सुरक्षा शोधकर्ताओं ने सोमवार को खुलासा किया कि कुख्यात इजरायली ‘हैकर-फॉर-हायर’ (जानकारी चुराने के लिये किराये पर उपलब्ध) कंपनी एनएसओ ग्रुप के स्पाइवेयर छह फलिस्तीनी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मोबाइल फोन पर पाए गए थे, इनमें आधे ऐसे समूहों से जुड़े थे, जिनके इजरायल के रक्षा मंत्री ने विवादास्पद रूप से आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का दावा किया था।

यह फलिस्तीनी कार्यकर्ताओं के सैन्य-ग्रेड पेगासस स्पाइवेयर द्वारा निशाने पर होने का पहला ज्ञात उदाहरण है। मेक्सिको से लेकर सऊदी अरब तक में पत्रकारों, अधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक असंतुष्टों के खिलाफ इसके उपयोग से जुड़े दस्तावेज 2015 से उपलब्ध हैं।

एक सटीक पेगासस संक्रमण गुप्त रूप से घुसपैठियों को उन सभी चीजों तक पहुंच प्रदान करता है जो एक व्यक्ति अपने फोन पर संग्रहित करता है, जिसमें वास्तविक समय (रीयल-टाइम) में किया गया संचार भी शामिल है।

गैर-लाभकारी फ्रंटलाइन डिफेंडर्स के मोहम्मद अल-मसकाती के फोन में सबसे पहले सामने आए इस स्पाईवेयर के बारे में यह स्पष्ट नहीं है कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन में किसने इसे प्रेषित किया था।

अक्टूबर के मध्य में पहली दो घुसपैठों का पता चलने के तुरंत बाद, इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने छह फ़लिस्तीनी नागरिक संस्थाओं को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया।

आयरलैंड स्थित फ्रंटलाइन डिफेंडर्स और पीड़ितों में से कम से कम दो का कहना है कि वे इज़राइल को मुख्य संदिग्ध मानते हैं और उन्हें लगता है कि आतंकी संगठन घोषित करने को हैक (जासूसी) का पता चलने को दबाने की कोशिश करने के लिए किया गया गया हो सकता है, हालांकि उन्होंने उन दावों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है।



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