
लखनऊ। यूपी में टीईटी पेपर लीक मामले की जांच में जुटी एसटीएफ ने कथित आरोपियों को गिरफ्तार कर कई खुलासे किए हैं। इस मामले में लिप्त परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय और पेपर छापने वाली कंपनी आरएसएम फिनसर्व के डायरेक्टर राय अनूप प्रताप को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिनकी पेपर लीक कराने में अहम भूमिका है।
इनकी गिरफ्तारी के साथ ही एसटीएफ ने इस बात का खुलासा किया है कि टीईटी का पेपर ट्रेजरी से नहीं बल्कि प्रिंटिंग प्रेस से ही लीक हुआ था। कहने का मतलब यह है कि परीक्षा के करीब 1 महीने पहले ही पेपर की कॉपी नकल माफिया के पास पहुंच चुकी थी।
टीईटी पेपर लीक का खुलासा
एसटीएफ के पास पेपर की कॉपी नहीं थी इसलिए कार्रवाई करने के बजाए वे नकल माफिया के हर कदम पर नजर रख रहे थे। वहीं टीईटी परीक्षा शुरू होने के 15 घंटे पहले एसटीएफ के हाथ पेपर की कॉपी लगते ही उसे शासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी गई। जहां पेपर की असली होने की पुष्टि होते ही परिक्षा शुरु होने के 3 घंटे पहले पेपर निरस्त करने की घोषणा की गई।
अब तक इस मामले में 33 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। जहां सबसे ज्यादा प्रयागराज से 18 गिरफ्तारियां की गईं हैं। जबकि लखनऊ और शामली से 4-4, अयोध्या से 3, कौशांबी, बागपत और नोएडा से एक-एक आरोपी को पकड़ा गया है। फिलहाल मामले से जुड़े अन्य लोग और सॉल्वर उपलब्ध कराने वाले भी एसटीएफ के राडार पर हैं।