आकाश और ईशा अंबानी ने कहा, देश में किराना दुकानों को डिजिटल बनाना आज समय की जरूरत


रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स के निदेशक आकाश अंबानी और ईशा अंबानी ने बुधवार को कहा कि छोटे कारोबारी देश की रीढ़ है और किराना दुकानों को डिजिटल दुकानों में बदलना वक्त की जरूरत है।


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अर्थव्यवस्था Updated On :

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स के निदेशक आकाश अंबानी और ईशा अंबानी ने बुधवार को कहा कि छोटे कारोबारी देश की रीढ़ है और किराना दुकानों को डिजिटल दुकानों में बदलना वक्त की जरूरत है।

मेटा (पूर्व में फेसबुक) के कार्यक्रम ‘फ्यूल फॉर इंडिया’ 2021 के दूसरे संस्करण में ‘ऑनलाइन’ भाग लेते हुए जाने-माने उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी के पुत्र आकाश और पुत्री ईशा ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि किराने का सामान, सब्जियां और दैनिक आवश्यक सामान ऑर्डर करना अब सिर्फ व्हॉट्सएप पर संदेश करने जैसा आसान होगा। उल्लेखनीय है कि अंबानी के ई-कॉमर्स मंच जियो मार्ट ने ऑनलाइन व्यापार को बढ़ाने के लिए लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप व्हॉट्सएप के साथ गठजोड़ किया है।

ईशा ने कहा, ‘‘महामारी ने कारोबार करने के तरीकों को बदल दिया है। अब वक्त आ गया है कि मोहल्ले की किराना दुकानों को डिजिटल दुकानों में बदला जाए।’’ कार्यक्रम में आकाश ने रिलायंस से जुड़े खुदरा विक्रेताओं का जिक्र करते हुए कहा कि खुदरा क्षेत्र में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की दुकानों के लिए स्थान है।

मेटा के मुख्य व्यापार अधिकारी मार्ने लेविन के एक सवाल के जवाब में ईशा ने कहा, ” हमारे पिता मुकेश अंबानी की सोच है कि लाखों छोटे खुदरा विक्रेताओं को जियो और जियोमार्ट के माध्यम से डिजिटल रूप से सक्षम बनाया जाए। हम उनकी इस सोच को साकार करने के एक कदम ओर करीब आ गए हैं…।’’

जियोमार्ट और व्हॉट्सएप की भागीदारी पर टिप्पणी करते हुए आकाश ने कहा “व्हॉट्सएप के माध्यम से जियोमार्ट पर डिजिटल खरीदारी अब एक संदेश भेजने जैसा है। यह वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए डिजिटल खरीदारी में एक क्रांति है।“ उल्लेखनीय है कि मेटा ने पिछले साल अप्रैल में रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल और दूरसंचार इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिये 5.7 अरब डॉलर निवेश किया था।

इस भागीदारी का उद्देश्य 40 करोड़ से अधिक व्हॉट्सएप उपयोगकर्ताओं और रिलायंस के नेटवर्क पर पांच लाख खुदरा विक्रेताओं को जोड़ना था। इसमें महत्वपूर्ण सस्ता इंटरनेट है, जो रिलायंस जियो के 42.5 करोड़ ग्राहकों को मिलता है।

रिलायंस रिटेल के खुदरा दुकानों के बड़े नेटवर्क का उपयोग करके ऑर्डर पूरे किए जाते हैं। साथ ही रिलायंस जियो के प्रीपेड ग्राहक व्हॉट्सएप का इस्तेमाल करके मोबाइल फोन रिचार्ज कर सकते हैं।

आकाश ने कहा, ‘‘ जियो और मेटा की टीमें मिलकर काम कर रही हैं। इसके साथ हम एक साथ काम करने के ज्यादा से ज्यादा रास्ते खोल रहे हैं। इसी कड़ी में व्हॉट्सएप के जरिये जियो प्रीपेड फोन का रिचार्ज है। व्हॉट्सएप पर जियो का रिचार्ज करना बेहद सरल है, यह एक दो चरणों में ही पूरा हो जाता है। इसने जियो उपभोक्ताओं के लिए चीजें आसान की हैं।

एक सवाल के जवाब में ईशा ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि छोटे कारोबारी हमारे देश की रीढ़ की हड्डी हैं। महामारी ने वास्तव में इस सचाई को सामने ला दिया कि छोटे व्यापारी, खुदरा विक्रेताओं और छोटे व्यवसायों को अपनी परंपरागत दुकानों को डिजिटल दुकानों में बदलने की तत्काल आवश्यकता है।’’ आकाश ने कहा कि जियो मार्ट के पास वर्तमान में पांच लाख से अधिक खुदरा विक्रेता हैं और यह हर दिन बढ़ रहे हैं…।’



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