नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध और वहां से भारतीयों को सुरक्षित निकाले जाने के मुद्दों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को राज्यसभा में बयान देंगे।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्हें कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य डॉ वी शिवदासन के नोटिस मिले हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यूक्रेन की स्थिति पर संबंधित मंत्री कल (मंगलवार को) सदन में बयान देंगे।’’
इस बीच, विभिन्न दलों के सदस्यों ने यूक्रेन से सुरक्षित लौटे छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता जताई और सरकार से अनुरोध किया कि वह इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाए।
वेणुगोपाल ने कहा कि यूक्रेन से लौटे छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उनका भविष्य सुरक्षित करने के लिए सरकार क्या कर रही है, इस बारे में स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए। सरकार को इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।’’
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के कनकमेदला रवींद्र कुमार ने कहा कि हजारों की संख्या में मेडिकल शिक्षा की पढ़ाई करने छात्र यूक्रेन गए थे लेकिन युद्ध की स्थिति में वे वहां फंस गए।
उन्होंने कहा कि वह सुरक्षित तो स्वदेश आ गए लेकिन अब उनके भविष्य पर सवालिया निशान लग गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को छात्रों के साथ ही सभी हितधारकों से बात करके छात्रों की आगे की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना चाहिए।’’
बीजू जनता दल (बीजद) के अमर पटनायक ने सुझाव दिया कि देश के सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में दो से पांच प्रतिशत तक सीटों की संख्या बढ़ाकर यूक्रेन से लौटे छात्रों को समाहित किया जाना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के शांतनु सेन ने कहा कि यूक्रेन से लौटे छात्रों की पढ़ाई पूरी हो, इसके लिए सरकार को कुछ विशेष कदम उठाने होंगे।
इस पर, सभापति नायडू ने कहा कि यह ऐसा मुद्दा है, जिस पर काम करने की जरूरत है। ‘‘लेकिन मेरा मानना है कि यह बहुत उलझा हुआ मामला है।’’
यूक्रेन से लौटे छात्रों के भविष्य को लेकर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विजय साई रेड्डी और तृणमूल कांग्रेस के मोहम्मद नदीमुल हक ने भी चिंता जताई। यह मुद्दा विशेष उल्लेख के जरिये उच्च सदन में उठाते हुए इन सदस्यों ने कहा कि सरकार को इन छात्रों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए यथोचित कदम उठाना चाहिए।