नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि सेंट्रल विस्टा विकास और पुनर्विकास मास्टर प्लान के तहत विभिन्न परियोजनाओं में कोई वृक्ष नहीं काटा गया है और अब तक अन्य स्थानों पर 1,051 वृक्ष लगाए गए हैं।
आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या यह सच है कि चालू सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए सैकड़ों पेड़ों को उखाड़ा जाएगा।
उन्होंने इसके जवाब में कहा, ‘‘ सेंट्रल विस्टा विकास / पुनर्विकास मास्टर प्लान के तहत विभिन्न परियोजनाओं में न तो कोई वृक्ष गिराया गया है और न काटा गया है। अब तक अन्य स्थानों पर 1,051 वृक्ष लगाए जा चुके हैं।’’
उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य के दौरान प्रभावित वृक्षों का आवश्यक ध्यान रखा जाता है कि उन पर न्यूनतम प्रभाव पड़े। उन्होंने कहा कि प्रतिरोपित किए जाने वाले वृक्ष का दस गुना प्रतिपूरक वृक्षारोपण भी दिल्ली में किया जा रहा है।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में इस बात से इनकार किया कि सेंट्रल विस्टा परियोजना की लागत बढ़ गयी है।
उनसे सवाल किया गया था कि क्या यह सच है कि सेंट्रल विस्टा परियोजना की लागत 29 प्रतिशत बढ़कर 1290 करोड़ रुपये हो गयी है।
मंत्री ने इसके जवाब में कहा, ‘‘ जी नहीं।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सेंट्रल विस्टा परियोजना पर आने वाली अनुमानित लागत 2285 करोड़ रुपए है।
मौजूदा सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन और अन्य इमारतों का निर्माण किया जाना है।