नई दिल्ली। रियल एस्टेट कंपनी मैक्रोटेक डेवलपर्स अगले पांच से सात वर्षों में सभी परियोजनाओं में ‘स्थिरता पहल’ पर 50 करोड़ डॉलर (लगभग 3,950 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कंपनी का 2035 तक शुद्ध-शून्य कार्बन कंपनी बनने का लक्ष्य है।
मैक्रोटेक डेवलपर्स ने नवी मुंबई के पास पलावा सिटी में अपनी 4,500 एकड़ की प्रमुख ‘एकीकृत टाउनशिप परियोजना’ आरएमआई के तकनीकी सहयोग से ‘लोढ़ा नेट जीरो अर्बन एक्सेलेरेटर’ कार्यक्रम शुरू करने की भी घोषणा की है। मैक्रोटेक, लोढ़ा ब्रांड के तहत अपनी संपत्तियां बेचता है।
मैक्रोटेक डेवलपर्स के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक लोढ़ा ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि पलवा टाउनशिप दुनिया भर में उपलब्ध आधुनिक स्थिरता विचारों और समाधानों के साथ एक “जीवंत प्रयोगशाला” होगी।
उन्होंने कहा कि सफल विचारों और समाधानों को इस वर्ष से ही सभी हितधारकों के साथ प्रकाशित और साझा किया जाएगा। इसमें रियल एस्टेट डेवलपर्स, अनुसंधान निकाय, शैक्षणिक संस्थान एवं नीति विनिर्माता शामिल हैं।
पलावा टाउनशिप में पहले से ही डेढ़ लाख लोग रहते हैं। आगे यह समय के साथ 20 लाख लोगों का घर होगा। उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर लगभग 40 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन रियल एस्टेट और उनके सहायक उद्योगों से जुड़ा हुआ है।
कंपनी ने अपने ‘शुद्ध-शून्य शहरी उत्प्रेरक कार्यक्रम’ के लिए आरएमआई के साथ करार किया है। यह सभी के लिए एक स्वच्छ, समृद्ध और शून्य-कार्बन भविष्य को सुरक्षित करने के लिए वैश्विक ऊर्जा प्रणालियों को बदलता है।
स्थिरता समाधान पेश करने के लिए पूंजीगत व्यय के बारे में पूछे जाने पर लोढ़ा ने कहा, “हम अगले पांच से सात वर्षों में ‘शुद्ध-शून्य कार्बन’ लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए लगभग 50 करोड़ डॉलर खर्च करेंगे।”
उन्होंने समग्र दृष्टि को रेखांकित करते हुए कहा,”हम 2035 तक शुद्ध-शून्य कार्बन कंपनी बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” लोढ़ा ने पिछले 18 महीनों में किए गए प्रयासों के आधार पर कहा, “कंपनी अपने कार्बन उत्सर्जन को 50 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम रही है। इसलिए ऐसा लगता है कि हम 2035 से पहले अपने लक्ष्यों को अच्छी तरह से पूरा कर लेंगे।”