पंजाब चुनाव के लिए दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति पर सिफारिशों को नजरअंदाज किया: भाजपा


भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) को पंजाब विधानसभा चुनाव में पैसों की जरूरत थी इसलिए दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति पर बनाई गई एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज किया।


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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) को पंजाब विधानसभा चुनाव में पैसों की जरूरत थी इसलिए दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति पर बनाई गई एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज किया।

भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि विशेषज्ञ समिति ने आबकारी नीति में शराब की थोक बिक्री का काम निजी हाथों में ना देने के बजाय सरकार के ही हाथों में रखे जाने की सिफारिश की थी ताकि उसके राजस्व में वृद्धि हो।

उन्होंने कहा कि समिति ने यह भी सिफारिश की थी कि शराब की खुदरा ब्रिकी का काम बड़ी कंपनियों को ना देकर ‘लॉटरी’ प्रणाली के माध्यम से व्यक्ति विशेष को दिया जाए।

पात्रा ने आरोप लगाया कि आप सरकार ने इन सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया और थोक बिक्री का काम बड़ी निजी कंपनियों के हाथों में सौंप दिया, वह भी बगैर किसी नीलामी या सार्वजनिक नोटिस के।

उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की आप सरकार ने पंजाब विधानसभा चुनावों में अनुचित लाभ हासिल करने के लिए समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री सिसोदिया आरोपों का जवाब देने की बजाय ‘‘इधर-उधर’’ की बातें कर रहे हैं और मामले को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं।

पात्रा ने केजरीवाल को कथित शराब घोटाले का ‘‘सरगना’’ करार दिया और दावा किया कि उन्हें इस भ्रष्टाचार की जानकारी थी। उन्होंने दावा किया, ‘‘इसलिए इससे संबंधित फाइल पर वह (केजरीवाल) हस्ताक्षर नहीं करते थे।’’

पात्रा ने कहा, ‘‘जिस तरह की बौखलाहट आम आदमी पार्टी में विगत कुछ दिनों से देखने को मिल रही है, इससे किसी तरह का संशय नहीं है कि मनीष सिसोदिया को लेकर आम आदमी पार्टी घिरी नजर आ रही है।’’