उत्तर प्रदेश में एक बार फिर किया गया सम्पूर्ण लॉकडाउन, 10 से 13 जुलाई तक रहेगा लागू


प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिल्ली जैसे हालात पैदा होने लगे हैं। मरीज मिलने की संख्या सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जा रही है। जगह-जगह कटेंटमेंट जोन का फैलाव हो रहा है। आम ही नहीं, संक्रमितों में खास लोग भी हैं। पुलिस से लेकर प्रशासन तक में कोरोना जड़े जमा रहा है। लोगों की बेपरवाही के आगे प्रशासन भी बेबस है।


मंज़ूर अहमद मंज़ूर अहमद
उत्तर प्रदेश Updated On :

लखनऊ। देश में प्रदेश में कोरोना महामारी की स्थिति भयावह होती देख उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एक बार फिर सम्पूर्ण लॉकडाउन करने का फैसला किया है।

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि प्रदेश में शुक्रवार रात 10 बजे से 13 जुलाई सुबह पांच बजे तक संपूर्ण लॉकडाउन लागू करने की घोषणा की गई है। उन्होंने बताया कि यह फैसला प्रदेश में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद लिया गया है। लोगों को जागरुक करने के लिए चार दिन का संपूर्ण लॉकडाउन किया जाएगा। 

मुख्य सचिव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में सभी कार्यालय, बाजार, व्यवसायिक प्रतिष्ठान इत्यादि सभी बंद रहेंगे। हालांकि इस दौरान स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय सेवाएं, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पूर्व की तरह रहेगी। उन्होंने आगे बताया कि आवश्यक कार्यों से जुड़े व्यक्तियों, कोरोना वॉरयर, स्वच्छताकर्मी व डोर स्टेप डिलेवरी से जुड़े लोगों के आने जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। 

खबरों के अनुसार प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिल्ली जैसे हालात पैदा होने लगे हैं। मरीज मिलने की संख्या सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जा रही है। जगह-जगह कटेंटमेंट जोन का फैलाव हो रहा है। आम ही नहीं, संक्रमितों में खास लोग भी हैं। पुलिस से लेकर प्रशासन तक में कोरोना जड़े जमा रहा है। लोगों की बेपरवाही के आगे प्रशासन भी बेबस है। 

लॉकडाउन की प्रमुख बातें-स्थिति पर नियंत्रण के लिए अनलॉक-2 में प्रशासन लापरवाही बरतने वालों से सख्ती निपटेगा। इस दौरान सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित होगी। बाजारों में ऑड-ईवन फार्मूला फिर से लागू करके भीड़ कम की जाएगी। रेस्टोरेंट और फूड स्टॉल पर सर्व करने पर भी दोबारा लगेगी पाबंदी। सार्वजनिक स्थानों पर बेवजह खड़े होने वालों का काटा जाएगा चालान। रात दस बजे के बाद केवल आवश्यक कार्य से ही निकल पाएंगे बाहर। बिना मास्क और थूकने वालों पर मौके पर ही लगेगा जुर्माना। मंडियों की स्थिति खराब, यहां लागू की जा सकती है पुरानी व्यवस्था।

अधिकारियों के अनुसार सामुदायिक स्तर पर कोरोना का संक्रमण नहीं फैले, लिहाजा इसके बारे में सोचा जाने लगा है। कुछ पाबंदियों पर फिर से विचार किया जा रहा है। शासन से अनुमति मिलते ही एक दो दिन में कुछ पाबंदियां फिर से लागू कर दी जाएंगी।

राजधानी में मरीजों का आंकड़ा हैरान करने वाला है। उससे अधिक मुश्किल रोजाना नए-नए इलाकों का कटेंटमेंट जोन में तब्दील होना। प्रशासन संक्रमण की रफ्तार को बेहद गंभीरता से लेकर रहा है। इसी के मद्देनजर जहां एक तरफ वैकल्पिक कोविड अस्पतालों का विस्तार किया जा रहा है, वहीं सार्वजनिक स्थानों और कार्यालयों में पाबंदियां बढाने पर फिर से विचार हो रहा है।

डीएम अभिषेक प्रकाश के मुताबिक, राजधानी में जिस तरह से कोरोना संक्रमण की रफ्तार है, उसे रोकने के लिए कुछ पाबंदियां बेहद जरूरी हैं। सरकारी और निजी कार्यालयों में पचास प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कराई जाएगी। प्रमुख बाजारों में ऑड-ईवन का फार्मूला फिर से लागू किया जा सकता है ताकि अधिक भीड़ न हो। मंडियों में भी पुरानी व्यवस्था लागू की जा सकती है। रेस्टोरेंट और फूड स्टॉल पर केवल डिलीवरी की सुविधा होगी। 

डीएम ने बताया कि लॉकडाउन में किसी को भी कहीं पर खड़े होकर खाने की इजाजत नहीं होगी। रात दस बजे के बाद सड़कों पर अनावश्यक घूमने वालों पर भी सख्ती होगी। इसके अलावा जो लोग बिना मास्क लगाकर या फिर थूकते दिखेंगे उनका चालान किया जाएगा।  पुलिस, प्रशासन, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को मिलाकर क्यूआरटी बनेगी जो कोविड-19 के सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित कराएगी। संबंधित थाने पर इसकी जिम्मेदारी होगी।



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