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आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने शनिवार (22 फरवरी) को पार्टी मुख्यालय में सभी फ्रंटल संगठनों के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक की। गोपाल राय ने बताया कि इस बैठक में पार्टी के सभी फ्रंटल संगठनों का पुनर्गठन कर उनको और मजबूत करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, पार्टी ने दिल्ली चुनाव में लोकसभा, जिला, विधानसभा और वार्ड स्तर के फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारियों की क्या भूमिका रही, का मूल्यांकन करने के लिए ऑडिट कराने का फैसला लिया है।
यह ऑडिट अगले एक सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा। इस दौरान फ्रंटल संगठनों के प्रदेश पदाधिकारियों ने विभिन्न विधानसभाओं में आम आदमी पार्टी की जीत और हार के क्या प्रमुख कारण रहे, उस पर अपनी बात भी रखी। गोपाल राय ने बताया कि जिस तरह पार्टी ने मुख्य विंग के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की है, उसी तरह सभी विंगों के पुनर्गठन का काम आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी करेगी। ताकि जहां पर पार्टी कमजोर है, वहां उसे और मजबूत किया जा सके।
उन्होंने कहा कि एक तरफ आम आदमी पार्टी के सभी विधायक नवनिर्वाचित बीजेपी सरकार द्वारा किए गए वादे को पूरा करने का मुद्दा सदन के अंदर उठाएंगे तो दूसरी तरफ पार्टी के सभी विंग को लोगों के बीच उससे संबंधित मुद्दों को उठाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। दिल्ली के अंदर सदन और समाज के बीच एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने की अपनी तैयारी को और तेज करेगी।
गोपाल राय ने बताया कि हमने मुख्य तौर पर संगठन को लेकर चर्चा की है कि संगठन में कहां-कहां कमजोरी रही है। हमने अभी संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों की बात सुनी है। चूंकि, चुनाव हर विधानसभा और हर बूथ पर लड़ा जा रहा था, इसलिए आज यह निर्णय हुआ है कि फ्रंटल संगठनों के सभी पदाधिकारियों की एक रिपोर्ट तैयार की जाए, जिससे पूरी तस्वीर साफ हो सके।
आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता को लेकर गोपाल राय ने कहा कि अभी नवनिर्वाचित सरकार ने शपथ ली है। 24 फरवरी को सभी विधायक सदन के अंदर शपथ लेंगे। विधायकों के शपथ लेने के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी सदन में अपने नेता के नाम की घोषणा करेगी।
हमारी पार्टी ने महिलाओं को 2500 रुपए प्रतिमाह देने की स्कीम को लेकर हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मिलने का समय देंगी। विपक्ष के साथ संवाद को आगे बढ़ाएंगी। हम सीएम से मिलने को लेकर इस मुद्दे पर उनसे चर्चा करेंगे। अगर समय नहीं मिलता है तो पार्टी आगे की रणनीति बनाएगी।