
कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल) को हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हमले को लेकर दुनिया के तमाम देशों के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है और आतंक के खिलाफ एकजुट होने की बात कही है।
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्क्वॉड द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। हमले पर पहले पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इस हमले के पीछे हमारा कोई हाथ नहीं है। भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने ट्वीट कर लिखा कि मुझे यकीन है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेने का हर संभव कदम प्रयास करेगा। हालांकि, मुझे कोई शक नहीं है कि इस बार पाकिस्तान का रिएक्शन बहुत हार्ड होगा।
भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एक और ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने आतंकी हमले के संबंध में आरोप लगाते हुए लिखा कि जम्मू कश्मीर में एक झूठ पकड़ा गया है। कश्मीरी मुजाहिदीन कभी भी नागरिकों को निशाना नहीं बनाते है। इसका मतलब वह कहना चाहते थे कि आतंकी हमलों के पीछे स्थानीय लोगों का हाथ है। इस वजह से उन्होंने नागरिकों को निशाना बनाया है। हालांकि, जिन लोगों ने भी मारा है वो TRF से संबंधित लोग है, जो लश्कर-ए-तैयबा के इशारों पर काम को अंजाम देते हैं। लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तानी आतंकी संगठन है। इसकी स्थापना 1989 में हाफिज सईद ने किया था, जो खुद मुंबई 26/11 हमले का मास्टरमाइंड है।
कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले को लेकर भारत सरकार एक्शन में नजर आ रही है। इस अटैक में 26 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें से 2 विदेशी नागरिक भी है। घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की यात्रा बीच में ही छोड़कर वापस देश लौट आए। उन्होंने आते के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हवाई अड्डे पर बैठक की और हालात का जायजा लिया। अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री के आते ही अधिकारियों ने उन्हें आतंकवादी हमले और सुरक्षा हालात के संबंध में जानकारी दी।
Abdul Basit
Pakistan
Pahalgam Terror Attack