ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि अमेरिका, रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों की संभावित त्रिपक्षीय शांति बैठक की मेजबानी हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट कर सकता है। यह पहल वर्षों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अगले चरण की बातचीत मानी जा रही है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियां पहले से ही बुडापेस्ट में सुरक्षा और व्यवस्थाओं की तैयारी कर रही हैं। हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन लंबे समय से ट्रंप के करीबी रहे हैं, जिससे इस जगह के चयन को राजनीतिक और रणनीतिक समर्थन मिलता दिख रहा है। हालांकि, सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा कारणों से अंतिम स्थान बदल भी सकता है। फिर भी बुडापेस्ट फिलहाल अमेरिका की पहली पसंद है।
रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों की संभावित त्रिपक्षीय शांति बैठक के लिए मॉस्को, जिनेवा और स्विट्जरलैंड को लेकर भी चर्चा की जा रही है। इस पर राष्ट्रपति पुतिन ने मॉस्को को प्राथमिक स्थान बताया, जबकि फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने जिनेवा को सही जगह करार दिया है। वहीं स्विट्जरलैंड ने तटस्थता का हवाला देते हुए खुद को मेजबान बनाने की कोशिश की और यहां तक पेशकश की कि अगर बैठक वहीं होती है तो पुतिन पर लगे वॉर क्राइम के वारंट को छूट देने का रास्ता भी निकाला जा सकता है।
यूक्रेन के लिए बुडापेस्ट एक संवेदनशील और असहज विकल्प है। 1994 के बुडापेस्ट ज्ञापन में अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने यूक्रेन की स्वतंत्रता, संप्रभुता और उसकी सीमाओं का सम्मान करने का वादा किया था। बदले में यूक्रेन ने अपने परमाणु हथियार छोड़ दिए थे, लेकिन 2014 में पुतिन के यूक्रेन पर हमले ने इस समझौते को अप्रासंगिक बना दिया। उस समय किसी भी देश ने सैन्य बल से यूक्रेन की मदद नहीं की। यही वजह है कि बुडापेस्ट का नाम सुनते ही यूक्रेन के लिए यह अतीत की यादें ताजा करता है।
जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने हाल ही में व्हाइट हाउस में जेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक की। उन्होंने संकेत दिया कि पुतिन और जेलेंस्की के बीच एक बैठक कुछ हफ्तों में हो सकती है। इसके बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि वे खुद पुतिन और जेलेंस्की के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक करेंगे। अलास्का में पुतिन से उनकी हालिया मुलाकात के बाद इस पहल को नई गति मिली है।
हालांकि तैयारी तेज है, लेकिन बैठक की सफलता अभी भी अनिश्चित है। रूस की ओर से पुतिन की अपनी शर्तें और मूल कारणों पर चर्चा की मांग है। यूक्रेन अब भी सुरक्षा और भरोसे को लेकर सतर्क है। अमेरिका इस बैठक को शांति प्रक्रिया के अंतिम चरण की तरह पेश कर रहा है।
