
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार (8 सितंबर) को देशभर में हुए बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों और उसमें हुई हिंसा पर गहरा दुख जताते हुए एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि आज जेन-जी (Gen-Z) पीढ़ी के आह्वान पर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई दुखद घटना से मैं बेहद व्यथित हूं। हमें विश्वास था कि हमारे युवा शांति से अपनी मांगें रखेंगे, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ स्वार्थी तत्वों की घुसपैठ से हालात बिगड़ गए और हमारे नागरिकों की जान चली गई। यह बेहद दुखद है।
प्रधानमंत्री ओली ने स्पष्ट किया कि सरकार सोशल मीडिया पर रोक लगाने के पक्ष में कभी नहीं थी और देश में इसके उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक माहौल बनाएगी। उन्होंने कहा, “इसके लिए लगातार प्रदर्शन करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। अब इस स्थिति को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।”
उन्होंने आश्वासन दिया कि इस घटना की पूरी जांच की जाएगी। उन्होंने आगे कहा, “मैं देश की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक जांच समिति गठित की जाएगी, जो आज की घटनाओं, हुई क्षति, स्थिति और उसके कारणों की पूरी समीक्षा करेगी। यह समिति 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव देगी।”
प्रधानमंत्री ओली ने अपील की कि युवा वर्ग और नागरिक शांति बनाए रखें और हिंसा से दूर रहें। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की आवाज सुनने और उनकी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है।