
अफगानिस्तान में सोमवार (29 सितंबर) से इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं. तालिबान सरकार के आदेश के बाद यह एक्शन लिया गया है. काबुल, उरुजगान, मजार-ए-शरीफ और हेरात समेत कई शहरों में फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट सर्विस बंद हो गई. हालांकि इसके कुछ देर बाद तक मोबाइल इंटरनेट कुछ समय तक काम किया, लेकिन सिग्नल टॉवर बंद होने की वजह से यह भी ठप हो गया.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल के साथ-साथ सैटेलाइट टीवी भी प्रभावित हुए हैं. तालिबान सरकार ने कहा है कि अगले आदेश तक इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क बंद रहेगा. लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली कई फ्लाइट्स भी प्रभावित हुई हैं. कुछ फ्लाइट्स को कैंसिल भी किया गया है.
पूरे देश में बंद हुआ मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट
इससे पहले कंधार, बल्ख, उरुजगान और निमरोज में फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क बंद किए गए थे, लेकिन अब पूरे देश में इंटरनेट बंद हो गया है. इस ब्लैकआउट के कारण अफगानिस्तान में इंटरनेशनल कॉल करना संभव नहीं है. मोबाइल नेटवर्क बंद होने से अफगानिस्तान के लोग व्यवसाय या पारिवारिक कारणों से एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.
अफगानिस्तान में क्यों बंद हुआ इंटरनेट
तालिबान सरकार की तरफ से इंटरनेट बंद करने के फैसले का कारण नहीं बताया गया है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि तालिबान ने अनैतिक गतिविधियों को रोकने के लिए यह फैसला किया है. अफगानिस्तान में तालिबान के राज की वजह से पहले से ही कई प्रतिबंध लगे हुए हैं और अब इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है.
तालिबान ने लड़कियों के स्कूल और यूनिवर्सिटी जाने पर रोक लगा रखी है और अब ऑनलाइन क्लास भी संभव नहीं हो सकेगी. माना जाता है कि अफगानिस्तान में महिलाओं पर सबसे ज्यादा कठोर प्रतिबंध लगे हैं. वहीं इंटरनेट बंद होने की वजह से लोकल बिजनेस पर भी असर पड़ सकता है.