संघ प्रमुख मोहन भागवत अगर एक लम्बे समय से सिर्फ़ एक बात दोहरा रहे हैं कि हिंदुओं को ताकतवर बनने (या उन्हें बनाए जाने) की ज़रूरत है तो इसे एक गम्भीर राष्ट्रीय मुद्दा…
ममता बनर्जी की ताज़ा राजनीतिक गतिविधियों और अन्य दलों में तोड़फोड़ ने अचानक से देश भर में उत्सुकता पैदा कर दी है।ऊपरी तौर पर तो ममता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लड़ती हुई नज़र…
उत्तर प्रदेश को लेकर भाजपा इतनी डरी हुई क्यों नज़र आ रही है ? उसकी आक्रामकता के पीछे छुपा भय आत्म-विश्वास के मुखौटे को चीर कर बाहर क्यों झांक रहा है ? पिछले…
कोरोना ने जिन लाखों परिवारों के किसी न किसी सदस्य को अपना ग्रास बनाया है उनमें से ज्यादातर की यह पहली दीपावली है।
देश के विकास पर नजर रखने वालों के लिए इस ज़रूरी जानकारी का उजागर होना निराशाजनक है कि वैश्विक भुखमरी सूचकांक (global hunger index) में दुनिया के 116 मुल्कों के बीच भारत 2020…
देश के किसी सरकारी मीडिया उपक्रम से सम्बद्ध कोई पत्रकार, जो कितना भी अनुभवी या सीनियर क्यों न हो, क्या इस आशय के सवाल का जवाब एक शक्तिशाली गृह मंत्री से प्राप्त कर…
गोरखपुर में एक टी वी चैनल के साथ मुलाक़ात में मुख्यमंत्री योगी ने जब यह कहा कि बिना सबूत के कोई गिरफ़्तारी नहीं होगी तो जनता सवाल करने लगी थी कि अदालत को…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत के बीच उम्र में एक सप्ताह से भी कम का फ़ासला है। डॉ भागवत प्रधानमंत्री से केवल छह दिन…
देश के नागरिक इस वक्त एक नए प्रकार के ‘ऑक्सिजन’ की कमी के अदृश्य संकट का सामना कर रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के लिए उत्सुकता का विषय हो सकता है कि देश के मौजूदा हालातों को देखते हुए प्रधानमंत्री अपने नागरिकों के साथ किस तरह का संवाद करते हैं ! और यह भी…
नागरिक जब सरकारों में बैठे हुए व्यक्तियों और उनके चेहरों की बदलती हुई मुद्राओं के बजाय उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले गुप्त और अदृश्य तकनीकी उपकरणों से ख़ौफ़ खाने लगे तो भय…
स्टेन स्वामी प्रकरण की जवाबदेही इस सवाल के साथ जुड़ी हुई है कि किसी भी नागरिक की हिरासत या सड़क पर होने वाली संदिग्ध मौत या मॉब लिंचिंग को लेकर हमारे नागरिक जीवन…
इस समय सत्ता में बैठे तमाम लोगों को एक साथ दो मोर्चों पर लड़ना पड़ रहा है। यह अभूतपूर्व स्थिति आजादी के बाद पहली बार उपस्थित हुई है। पहला मोर्चा यह है कि…
बहुत कम लोगों ने कभी इस बारे में भी सोचा होगा कि उन्हें अब एक व्यक्ति के रूप में भी अपने प्रधानमंत्री के बारे में कुछ ऐसा जानना चाहिए जो मार्मिक हो, अंतरंग…
एक ऐसे समय जब कि देश गम्भीर संकट में है अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकारों को कुछ महीनों के लिए निलम्बित कर ग़ैर-ज़िम्मेदार नेताओं, दलों और मीडिया के लोगों के बयानों पर रोक…
एक पॉप सिंगर और एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जलवायु कार्यकर्ता के किसान आंदोलन को शाब्दिक समर्थन भर से इतने बड़े और मज़बूत राष्ट्र की प्रजातांत्रिक बुनियादें हिल गईं! यह प्रक्रिया अभी जारी है…
क्या नागरिक स्तर पर ऐसी किसी आपसी बातचीत या अफ़वाह से इनकार किया जा सकता है कि अलग-अलग कारणों के चलते व्यवस्था या सरकार के प्रति नाराज़गी रखने वाले वर्गों और समुदायों का…