लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।
विभाजन कांग्रेस का चरित्र रहा है। बस एक बार इतिहास के दोहराव को गांधी जी ने रोका था। ऐसा वे इसलिए कर पाए क्योंकि उनके अंदर रेत से कांग्रेस खड़ा करने का माद्दा…
इस दरमियान राजेश कुमार को समाज कल्याण विभाग का नया निदेशक बना दिया गया। पुराने निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी को प्रमुख सचिव की अनुशंसा पर हटा दिया गया। यह सब तब हुआ जब बालकृष्ण…
अरविंद कुमार शर्मा का डेरा अभी तक सरकारी गेस्ट हाउस ही बना है। इस कारण सियासी लोग उनको लेकर असमंजस में नजर आते हैं। खासकर वे लोग जो यह मानकर चल रहे हैं…
इसी मंथन में उनको पता चला कि वरिष्ठ नेताओं ने अपना-अपना कुनबा बना लिया है। वे उसी कुनबे के लिए काम करने में जुटे हैं। पार्टी के लिए काम करने की फुर्सत नहीं…
ऐसे में यह सवाल उठता है कि किसान, राजनाथ सिंह को संकटमोचक के रूप में क्यों देखते हैं? इस बात को समझने के लिए थोड़ा पीछे जाना होगा। अगर उससे परहेज हो तो 30…
कांग्रेस हमेशा से ब्राह्मणों की पहली पसंद रही है। लेकिन यह भी सही है कि वह अभी बेहद कमजोर है। उसमें सत्ता के खिलाफ संघर्ष करने का पूरा जज्बा है, मगर उसे बदलने…
मनोज कुमार जाटव ने बाकायदा इस बाबत राईनी और जिला अध्यक्ष के खिलाफ गाजियाबाद में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जो अखबार की सुर्खियां बनी। उसके बाद शमशुद्दीन को हटा दिया गया। यह पार्टी…
कई ब्राह्मण संगठन तो राजनीतिक दलों के एजेंट बन गए हैं। वे उनके हित लाभ के मुताबिक काम कर रहे हैं। कुछ परशुराम को बेचने में लगे हैं। कोई सबसे बड़ी मूर्ति लगा…
राजभर समुदाय की कितनी जरूरत सत्ताधारी दल को है, यह प्रधानमंत्री के भाषण से ही जाहिर हो जाती है। उन्होंने 16 फरवरी को दिए गए अपने भाषण में सात बार सुहदेव की यशगाथा…
ईडी ने आगे कहा कि आरोपी के खिलाफ कई शिकायतें मिली है। प्रजापति परिवार के पास बहुत बेनामी संपत्ति है। करोड़ों रुपये का लेनेदेन इनके सगे-संबिधों के खातों में हुआ। यही नहीं गायत्री…
संभव है कि सूबे के शीर्ष नेतृत्व को वाम षड़यंत्र की जानकारी न हो। शायद इसलिए उन लोगों की मेहमान नवाजी लखनऊ के लोक कल्याण मार्ग में हुई।इसका संदेश ठीक नहीं गया। होना भी…
नतीजा यह हुआ कि अगले दिन जाटलैंड में हलचल शुरू हो गई। महापंचायत होने लगी। आंदोलन को नया जोश देने की मुहिम चल पड़ी। वह मुहिम कई मायनों में ऐतिहासिक है।
सरदार पटेल के लिए यह महात्मा गांधी का अंतिम आदेश साबित हुआ। लाख मतभेद के बाद भी ताउम्र, उन्होंने उस आदेश का पालन किया। लेकिन पंडित जी ने तो अलग राह पकड़ ली।…
लेकिन जो मास है और जिसने चलते-चलते खबर देखने की आदत डाल ली है, वह जाने-अजाने लोकतंत्र से भीड़तंत्र की ओर जा रहा है।
समाजवादी पार्टी के अंदर जो लड़ाई चल रही है, उससे अखिलेश यादव को पार पाना होगा। अगर वे चाहते हैं कि बाइस में बाइसकिल की सरकार आए। तो उसके लिए जरूरी है कि…
16 नवंबर की बात है कोई 5000 मुसलमान बसपा में शामिल हुए। सतीश चंद्र मिश्र इसके अगुवा थे। पूछने पर पता चला कि सबको जोड़ने का जिम्मा उन्हीं के पास है। सर्वजन का…
यह सुनकर अरूण जेटली चौंके। जो स्वभाविक भी था। वह जो बात शीर्ष नेतृत्व से करके आए थे, उसकी भनक अहमद पटेल को कैसे लग गई? यही उनका रसूख भी था। हर दल…
राजनीतिक नेतृत्व के प्रति निष्ठा और आधार वोट वैंक के प्रति ईमानदारी नकुल दुबे की पूंजी है। राजनीति में रहते हुए, उन्होंने यही कमाया है। उम्र ज्यादा नहीं है उनकी। कोई 55 साल…
कांशीराम ने पार्टी को गढ़ा ही इसी तरह से था। उन्होंने बहुजन समाज की बिरादरी से नेतृत्व गढ़ा था। उसे पार्टी में जगह दी थी। संख्याबल के मुताबिक उनका प्रतिनिधित्व था। यही उनका…
यदि ब्राह्मण-दलित नाराज होते तो उप-चुनाव में भाजपा को परेशानी होती। यदि वाकाई ऐसा होता तो आरक्षित सीटों के अलावा देवरिया की सीट जीतना भाजपा के लिए मुश्किल हो जाता। देवरिया ब्राह्मण बाहुल्य…
बिहार के तकरीबन साढ़े पंद्रह लाख नये युवा मतदाताओं को भाजपा नेतृत्व में कोई आकर्षण नहीं दिखा। वह उन्हें थकाऊ और पारंपरिक लगा। उनको संभावना तेजस्वी में दिखी।
उनके ही पराक्रम की वजह से 2007 में चमत्कार हुआ था। चमत्कार इसलिए क्योंकि किसी राजनीतिक पंडित ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार की कल्पना नहीं की थी। वह जो अकल्पनीय था उसे सतीश…