वही हुआ जिसका अंदेशा था। दिल्ली से एक तुगलकी फरमान जारी हो गया। जब फरमान बिहार की ज़मीन पर पंहुचा तो रायता फ़ैल गया। उसे समेटा तो जा नहीं सकता, इसलिए अब रायता…
पहला भ्रम: चुनाव आयोग बिहार की वोटर लिस्ट की गहरी छानबीन और संशोधन कर रहा है। सच: जी नहीं। बिहार में अभी तक चल रही मतदाता सूची का संशोधन नहीं होगा। पुरानी मतदाता…
अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की बात पर भरोसा करना मुश्किल है। सच से उनका छत्तीस का आंकड़ा रहा है। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार अपने पहले कार्यकाल में ट्रम्प ने 30,573 बार झूठ बोला…
वाह, क्या जुगलबंदी है! अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ता के कृषि वाले पक्ष पर नीति आयोग के पेपर को पढ़कर मेरी पहले प्रतिक्रिया यही थी। उधर अमरीकी सरकार घुड़की देती है…
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनावी प्रक्रिया की प्रमाणिकता पर सवाल उठाए हैं। लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़े अनेक ग़ैर-दलीय संगठनों और व्यक्तियों ने फिर उनके स्वर में अपना स्वर जोड़ा…
पहलगाम में आतंकियों द्वारा निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या की तस्वीरें देख कर किस इंसान का कलेजा नहीं फटेगा, किस न्यायप्रिय व्यक्ति का खून नहीं खौलेगा? शोक के साथ क्षोभ होगा। ज़िम्मेदारी तय…
जरा कल्पना कीजिए। आप घर पर बैठे हैं, पुलिस आकर आपको गिरफ्तार कर लेती है। आप पूछते हैं आपका कसूर क्या है। पुलिस आप पर एक से एक संगीन आरोप लगा देती है।…
बाबासाहेब आम्बेडकर की जयंती पर यह सवाल पूछना बनता है। क्या बाबासाहेब द्वारा रचित भारत का संविधान एक भारतीय दस्तावेज है? पहली नज़र में यह सवाल अजीब और अनर्गल लग सकता है। हो सकता…
मोदी राज में किसान की यही नियति बन गई है। एक मुसीबत से जान छूटी तो दूसरी तैयार। ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने तीन किसान विरोधी कानूनों को हराया। इधर किसान एम.एस.पी. हासिल करने…
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के मामले में असली खतरा यह नहीं है कि इस मामले में कुछ कार्रवाई नहीं होगी। इतने बड़े खुलासे के बाद और अब तक सुप्रीम कोर्ट…
आज के दौर में पंजाबी भाषा देश को बचा सकती है, लेकिन तभी अगर वो ख़ुद अपनी आत्मा को बचाए। अगर पंजाबी अपनी जड़ों से जुड़ती है तो वह राष्ट्र और धर्म के…
राजभाषा से हिंदी को मिला है अन्य भारतीय भाषाओं से अलगाव। अपनी समकक्ष और अपने से पुरानी और समृद्ध भाषाओं से सास जैसा व्यवहार करने की फूहड़ प्रवृत्ति। जिन भाषाओं ने हिंदी का…
एक औसत दिन में पुरुष नहाने धोने तैयार होने में 74 मिनट लगाते हैं, और महिलायें उससे कम 68 मिनट। खाने पीने में भी पुरुष महिलाओं से दस मिनट फ़ालतू लेते हैं। गृहिणी…
कुुल मिलाकर जनता को यही याद रहेगा कि अमरीकी पैसे वाला कुछ लफड़ा था। और कुछ नहीं तो कम से कम महाकुंभ और नई दिल्ली स्टेशन में सरकारी लापरवाही से हुई मौतों की…
प्रधानमंत्री ने जैसे-तैसे बात को संभाल लिया, लेकिन दाल में कुछ काला है, यह सारी दुनिया को दिख गया। उधर ट्रम्प ने वह बात कह दी जिसका किसी बयान में कोई जिक्र न था-उन्होंने खुलासा कर…
वैकल्पिक राजनीति का सपना तो उस वक्त ही मर गया था। लेकिन एक राजनीतिक विकल्प के रूप में ‘आप’ बनी रही और मजबूत भी हुई। भ्रष्टाचार विरोधी आदर्शवाद को छोड़कर अब पार्टी ने…
कोरोना महामारी के बाद से पहले की तुलना में देश में खेती-बाड़ी पर निर्भर आबादी बढ़ गई है। लेकिन बजट के आंकड़े देखने के बाद ऐसा लगा मानो सरकार इस इंजन से उम्मीद…
भारत सरकार के अनुसार एक मजदूर की औसत दिहाड़ी महज 433 रुपए है। क्या आठवें वेतन आयोग में सरकारी कर्मचारी के न्यूनतम वेतन को सरकार द्वारा तय किए जाने वाले न्यूनतम वेतन से…
सवाल यह था कि चुनाव आयोग द्वारा मतदान वाले दिन शाम को दिए गए और अंतिम मतदान के आंकड़ों में इतना अंतर क्यों है, मतदान के अंतिम आंकड़े इतनी देरी से और वो…
पिछले कई दशकों से राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण संगठन लोगों से उनके दैनंदिन रसोई के खर्च से लेकर कपड़े, शिक्षा और अस्पताल या मनोरंजन जैसे हर छोटे-बड़े खर्चे की सूचना के आधार पर प्रति…
जब वे प्रधानमंत्री के पद पर आसीन थे, उनके नेतृत्व पर तमाम आक्षेप हुए। उन्हें प्रॉक्सी नेता या मुखौटा बताया गया। उनके समर्थक कह सकते हैं कि ऐसे पद पर आसीन कोई भी…
संविधान के सवाल को संविधान नामक दस्तावेज तक सीमित करना ठीक नहीं। संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं है। यह एक दर्शन है, भारत के भविष्य का एक खाका है। संविधान बचाओ के नारे…
किसान आंदोलन एक बार फिर उभार पर है। पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) के बैनर तले किसान फिर धरना लगाकर बैठे हैं। मांगें वही हैं जो दिल्ली मोर्चा के…
मुझे याद है 1994 में जब मुझे जर्मनी के चुनाव देखने का मौका मिला, तब आंखों में चुभा था कि वहां सड़कों पर, बाजार में, होटल में और यहां तक कि अखबार के…
पहले मामला अयोध्या की बाबरी मस्जिद तक सीमित था। फिर बताया गया कि अयोध्या तो सिर्फ़ झांकी थी और काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का मामला उठा।