लेखक आईआईटी मुंबई में पढ़ाते थे और सन 2007 के नेशनल कम्यूनल हार्मोनी एवार्ड से सम्मानित हैं।
आरएसएस का तर्क यह था कि भगवा रंग अनादिकाल से हिन्दू राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता आ रहा है इसलिए देश को किसी नए झंडे की ज़रुरत नहीं है। यह बात अलग है कि…
हसीना के देश छोड़ने के बाद वहां अराजकता फैल गई। आवामी लीग (हसीना की पार्टी) के समर्थकों पर हमले हुए और उसके कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया गया।
जाति जनगणना आवश्यक है। कारण यह कि आरक्षण के प्रतिशत का निर्धारण दशकों पहले किया गया था और तब से लेकर अब तक विभिन्न जातियों की कुल आबादी में हिस्सेदारी में काफी परिवर्तन…
ऐसा लग रहा है कि देश की राजनीति में सांप्रदायिकता का ज़हर घुल चुका है। भाजपा और उसके गठबंधन साथियों को चुनाव में हराना, देश में बहुवाद की पुनर्स्थापना की ओर पहला कदम…
भगदड़ इसलिए मची क्योंकि यह प्रचार किया गया था कि जिस मिट्टी पर बाबा चलता है, वह बहुत से रोगों को ठीक कर सकती है। सत्संग ख़त्म होने के बाद बाबा जब वापस…
संघ ने हिंसा को अपनी विचारधारा का हिस्सा बना लिया है और नागपुर स्थित उसके मुख्यालय में तरह-तरह के हथियारों का संकलन हैं, जिनकी दशहरा के दिन पूजा की जाती है।
दिल्ली के रामलीला मैदान में 15 जून 1975 को आयोजित एक विशाल रैली में जेपी ने पुलिस और सेना का आव्हान किया कि वो सरकार के आदेश न माने। इंदिरा गांधी के निर्वाचन…
मोदी के राज में संघ कई तरह से लाभान्वित हुआ है। उसकी शाखाओं की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है। आरएसएस के विचारधारा में यकीन रखने वाले शिक्षकों का कॉलेजों और विश्वविद्यालयों…
केरल में कई कारणों के चलते भाजपा ने भले ही ईसाईयों के एक तबके में अपनी पैठ बना ली हो मगर ईसाई आज भी हिन्दू राष्ट्रवादी राजनीति के निशाने पर हैं और यह…
मोदी को यह पता होना चाहिए कि दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में 'गांधियन स्टडीज' पाठ्यक्रम का हिस्सा है। कई स्कूलों में गांधीजी की शिक्षाएं पढ़ाई जातीं हैं। दुनिया के करीब 80 शहरों में…
नड्डा ने जो कुछ कहा है, उसे सही परिप्रेक्ष्य में देखने-समझने की ज़रुरत है। जो उन्होंने कहा वह न तो आरएसएस और भाजपा के बीच किसी भी तरह के मतभेदों का सूचक है…
यह अध्ययन 1950 के आंकड़ों की तुलना 2015 के आंकड़ों से करता है, जो अपने-आप में मनमाना है। मीडिया और सांप्रदायिक संगठन इस अध्ययन का इस्तेमाल समाज को बांटने वाले प्रचार को और…
आरएसएस और उससे जुड़े संगठन, समाज के कमज़ोर वर्गों के साथ न्याय के पुराने विरोधी रहे हैं। सन 1925 में आरएसएस की स्थापना ही इसलिए हुई थी क्योंकि दलित अपने अधिकारों के लिए…
हंगर इंडेक्स समाज में पोषण की स्थिति का पता लगाने का उत्तम माध्यम है।हंगर इंडेक्स में भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर है।इस मामले में भारत पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे अपने…
प्रधानमंत्री और उनके विचारधारात्मक सहयोगी हमें बता रहे हैं कि भारत पिछले एक हज़ार सालों से गुलाम था। मतलब यह कि जिस समय भारत पर मुसलमान राजाओं का शासन था, उस समय देश…
आजादी की लड़ाई के दौरान के भारत के मूल्य भगत सिंह, अम्बेडकर और गांधी के विचारों के रूप में प्रकट हुए जिन्होंने आजादी, समानता और बंधुत्व या मेल-जोल पर जोर दिया। राष्ट्रपिता से…
लगभग एक साल पहले निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा ने भी देश के लोगों के दुखों और परेशानियों को सामने लाने का काम किया। इस यात्रा से यह संदेश भी गया कि विभिन्न…
क्या इससे हिंदू किसानों की समस्याएं सुलझेंगी? क्या इससे हिंदू बेरोजगारों को काम मिलेगा? क्या इससे हिंदू महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य या पोषण का स्तर बेहतर होगा? क्या इससे दलितों पर होने…
विरासत स्थलों के लेकर जबरन विवाद खड़ा करना और उन्हें ऐसे हिन्दू स्थान बताना जिन पर मुसलमानों ने कब्ज़ा कर लिया है और जिन्हें मुसलमानों से छीना जाना चाहिए, सांप्रदायिक ताकतों की पुरानी…
केरल में कई धनी ईसाई इस हिन्दू बहुसंख्यकवादी राजनीति के जाल में फँस रहे हैं। यह भी सच है कि ईडी, इनकम टैक्स आदि के कहर से बचने के लिए ईसाई समुदाय के…
सन 1992 के छह दिसंबर को चुने हुए कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को ज़मींदोज़ कर दिया। उन्हें बाकायदा इसका प्रशिक्षण दिया गया था और उन्होंने इसकी रिहर्सल भी की थी। जिस समय मस्जिद…
संसद में जो हुआ वह स्पष्टतः कुंठित विद्यार्थियों और युवाओं द्वारा अपनी पीड़ा को अभिव्यक्त करने का प्रयास था। इसमें कोई संदेह नहीं कि जो तरीका इन युवाओं ने अपनाया वह सही नहीं…
आंबेडकर का धुर विरोधी होते हुए भी संघ परिवार केवल नाम के लिए उनका गुणगान करता है। और अब तो वे उन्हें उदृत भी करने लगा है। यह सब केवल वोट हासिल करने…