कांग्रेस के धुर विरोधी रहे शरद यादव की पुत्री कांग्रेस में हुईं शामिल, मधेपुरा से लड़ेंगी चुनाव


इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता खेड़ा ने कहा, ‘‘हमें गर्व है कि सुभाषिनी यादव कांग्रेस में शामिल हुई हैं। उनके पिता का भारत के संसदीय लोकतंत्र में बहुत बड़ा योगदान है।’’ गौरतलब है कि शरद यादव अपनी पार्टी गठित करने से पहले जद(यू) में थे और उन्होंने पार्टी का अध्यक्ष रहने के साथ कई वर्षों तक राजग के संयोजक की भूमिका भी निभाई।



नई दिल्ली। लोकतांत्रिक जनता दल के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की पुत्री सुभाषिनी यादव बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गयी। उनके साथ ही लोजपा के वरिष्ठ नेता काली पांडे भी कांग्रेस में शामिल हो गए।

माना जा रहा है कि सुभाषिनी बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ सकती हैं। सुभाषिनी और काली पांडे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पवन खेड़ा, देवेंद्र यादव और अजय कपूर की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली।

इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता खेड़ा ने कहा, ‘‘हमें गर्व है कि सुभाषिनी यादव कांग्रेस में शामिल हुई हैं। उनके पिता का भारत के संसदीय लोकतंत्र में बहुत बड़ा योगदान है।’’ गौरतलब है कि शरद यादव अपनी पार्टी गठित करने से पहले जद(यू) में थे और उन्होंने पार्टी का अध्यक्ष रहने के साथ कई वर्षों तक राजग के संयोजक की भूमिका भी निभाई।

वर्ष 2017 में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण शरद यादव को जद (यू) से निकाल दिया गया था। इसके बाद उन्होंने लोकतांत्रिक जनता दल का गठन किया।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वह महागठबंधन का हिस्सा थे और इसी के बैनर तले मधेपुरा से चुनाव भी लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

मधेपुरा से लड़ सकती हैं चुनाव

खबरों के अनुसार शरद यादव की बेटी मधेपुरा के बिहारीगंज सीट से चुनाव लड़ने की बात की जा रही है। सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के बीच की वार्ता अपने अंतिम चरण में हैं और उम्मीद की जा रही कि सुभाषिनी यहीं से चुनाव मैदान में  अपनी किस्मत आजमायेंगी। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव चंदन यादव के बेलदौर से और युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुंजन पटेल का नालंदा से लड़ना तय है। बहरहाल कांग्रेस की टिकटों की घोषणा के बाद काफी कुछ साफ हो जाएगा।