पटना। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह लोजपा के टिकट पर दिनारा से उम्मीदवार हैं। यह सीट गठबंधन में जदयू के हिस्से में गई है और मंत्री जयकुमार सिंह वहां से निवर्तमान विधायक हैं। इसी तरह रामेश्वर चौरसिया नोखा से लोजपा उम्मीदवार होंगे और उषा विद्यार्थी पालीगंज से लोजपा के टिकट पर मैदान होंगी। दोनों भाजपा के पुराने नेता हैं और विधायक रह चुके हैं।
भाजपा और लोजपा के संबंधों की यही हकीकत है। लोजपा लगातार भाजपा के उन नेताओं का शिकार कर रही है जिन्हें जदयू से गठबंधन की वजह से टिकट से वंचित होना पड़ा है। लोजपा की पहली सूची में ऐसे पांच भाजपा नेता हैं, जदयू से बगावत कर आए भगवान सिंह कुशवाहा को लोजपा ने आरा से उम्मीदवार बनाया है।
हालांकि भाजपा ने इन विद्रोहियों को चेतावनी देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अगर उन्होंने 12 अक्टूबर तक पार्टी में वापसी का रास्ता नहीं अपनाया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। पर भाजपा के यह कहने के बाद कि जो नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं मानता, वह एनडीए का हिस्सा नहीं है। इस तरह लोजपा को एनडीए से बाहर होने का बकायदा ऐलान हो जाने के बाद लोजपा भाजपा नेताओं का शिकार करने में लग गई है।
भाजपा ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर एनडीए सत्ता में आती है तो नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे, चाहे कोई बड़ी पार्टी बड़ी होकर उभरे। भाजपा-जदयू के साझा प्रेस-कांफ्रेस में इसकी घोषणा और लिखित बयान जारी होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रेस-कांफ्रेस में आए जिसमें भाजपा की ओर से प्रभारी महासचिव भूपेन्द्र यादव, चुनाव प्रभारी देवेन्द्र फडणवीस, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और विधायक दल के नेता सुशील मोदी शामिल हुए तो जदयू की ओर से प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी और बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए।
प्रेस कांफ्रेस में जदयू को भाजपा से अधिक सीट देने का ऐलान भी हुआ। जदयू को 122 और भाजपा को 121 सीटें मिलेगी। जदयू इसमें से सात सीटें जीतनराम मांझी की पार्टी को देगी और भाजपा मुकेश साहनी की पार्टी को 6 सीटें देंगी। इसतरह व्यावहारिक रुप से भाजपा और जदयू दोनों के उम्मीदवार 115 सीटों पर होंगे। पर बाद में मुकेश साहनी के सीटों की संख्या बढकर 11 हो गई है।
लोजपा के बिहार में एनडीए का हिस्सा नहीं रहने के बावजूद केन्द्र में रिश्ता जारी रहेगा। पहले तो रामविलास पासवान के अस्पताल होने से मंत्री पद से नहीं हटाने की दलील दी गई। अब वे नहीं रहे तब एनडीए में होने या नहीं होने के ऐलान का कोई खास मतलब नहीं रहा। इतना जरूर है कि एनडीए के अलावा कोई प्रधानमंत्री के नाम और तस्वीर का उपयोग नहीं करेगा, इसे सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग से अनुरोध किया जा चुका है।
पर चिराग पासवान ने कहा है कि लोजपा प्रधानमंत्री का हाथ मजबूत करने के नाम पर वोट मांगेगी। चुनावों के बाद उसके विधायक भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएगे। चिराग ने आम मतदाताओं को संबोधित पत्र में कहा है कि जदयू को दिया गया हर वोट बच्चों के पलायन के लिए मजबूर करना वाला होगा।
उन्होंने कहा कि एनडीए छोड़ने का कठिन फैसला बिहार के भविष्य के लिए करना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का सात निश्चय योजना दरअसल भ्रष्टाचार का खजाना है। नौकरशाही बेलमाम हो गई है और आमलोगों की समस्याओं को उचित महत्व नहीं दिया जा रहा है। लोजपा अपनी बिहार फर्स्ट-बिहार फर्स्ट विजन डाक्यूमेट के आधार पर काम करेगी।