भाजपा-जदयू गठबंधन अब राम मंदिर व जम्मू-कश्मीर के भरोसे

अमरनाथ झा
बिहार चुनाव 2020 Updated On :

पटना/ छपरा। बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा-जदयू गठबंधन अब राम मंदिर व जम्मू-कश्मीर के भरोसे है। प्रधानमंत्री मोदी चुनावी भाषण में गठबंधन की सरकारों की जिन उपलब्धियों का विवरण देने लगे हैं, उनमें अयोध्या में राम-मंदिर की नींव रखना और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जें को समाप्त कर उसे दो केन्द शासित प्रदेशों में बांटा जाना सबसे ऊपर होता है और वे इन्हीं पर सबसे ज्यादा बोलते हैं।

दो चरण के मतदान ( 3 नवंबर और 7 नवंबर) अभी बाकी है। बिहार से करीब डेढ़ हजार किलोमीटर दूर जम्मू-कश्मीर से संबंध जोड़ने में सेना के बिहारी सवानों की शहादत की याद दिलाई जा रही है।

रविवार को प्रधानमंत्री ने छपरा की सभा में पाकिस्तान की संघीय सरकार के मंत्री फरवाद चौधरी के इस बयान का उल्लेख भी कि पाकिस्तान ने भारत में घूसकर पुलवामा हमला किया था। उन्होंने कहा कि इससे उन लोगों के चेहरे से नकाब हट गया है जो उन बिहारियों की कुर्बानी को कभी याद भी नहीं करते जिन्होंने इस हमले में अपनी जान गंवाई थी। छपरा के ढेर सारे लोग सेना में नौकरी करते हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पहले से इस मुद्दे को उठाते रहे हैं।

छपरा के बाद समस्तीपुर, बगहा और मोतीहारी का सभाओं में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस चुनाव में डबल इंजन के विकास का मुकाबला डबल युवराज से है। उनका इशारा राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की जोड़ी की ओर था। मोतीहारी में उन्होंने घर-घर में शौचालय बनाने के अभियान और उज्जवला योजना का जिक्र किया।

विपक्ष लगातार आरोग लगा रहा है कि एनडीए ने राज्य के वास्तिवक विकास की उपेक्षा की, रोजगार के अवसर पैदा नहीं या, कोराना-काल में देशबंदी के दौरान लोगों की कठिनाईयों पर ध्यान नहीं दिया, इन आरोगों से एनडीए ने लगता है कि अब हिन्दुत्व के जुड़े मुद्दों को उछालने का मन बना लिया है। नागरिकता कानून में संशोधन( सीएए) और प्रस्तावित एनआरसी का भी जिक्र किया जा रहा है और इसे लेकर विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि यह राज्य की वास्तविक समस्याओं से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए किया जा रहा है। राज्य में पिछले 15 साल के अपने राजकाज की किसी उपलब्धि का नाम नहीं लिया जा रहा।