भाजपा का घोषणापत्र ‘झूठ का संकल्प पत्र’, नीतीश ने बिहार को गर्त में पहुंचाया : कांग्रेस


कांग्रेस नेता ने कहा कि बड़े राज्यों में बिहार में खून की कमी की शिकार सबसे अधिक गर्भवती महिलाएं हैं और राज्य में मनरेगा के तहत मेहनतकश मजदूरों को देश में सबसे कम काम मिलता है।



पटना। कांग्रेस ने भाजपा के घोषणा पत्र को ‘झूठ का संकल्प पत्र’करार देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पिछले 15 साल में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की जदयू-भाजपा सरकार के नाकारापन ने राज्य को सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन के गर्त में पहुंचा दिया है।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तहत नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्य से संबंधित रिपोर्ट इस बात की गवाह है कि नीतीश कुमार सरकार ने बिहार को सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन के गर्त में पहुंचा दिया है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ सुशासन के नाम पर सत्ता की सरपरस्ती में बेरोजगारी, निकम्मापन और नाकारापन परोसा गया और बिहार को बदहाली की कगार पर ला खड़ा किया। क्या ‘फिसड्डी बाबू’जवाब देंगे?’’

कांग्रेस नेता ने भाजपा के घोषणा पत्र को ‘झूठ का संकल्प पत्र’ करार दिया और कहा कि इसे कूड़ेदान में डाल देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था, उसका क्या हुआ? बिहार को विशेष राज्य के दर्जे का क्या हुआ?

सुरजेवाला ने एक सवाल के जवाब में कहा कि एक केंद्रीय मंत्री ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की बात को खारिज कर दिया है, यह अपमानजनक है और नीतीश कुमार को वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है।

गौरतलब है कि बिहार चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)ने बृहस्पतिवार को संकल्प पत्र ‘आत्मनिर्भर बिहार का रोडमैप 2020-25′ जारी किया जिसमें तीन लाख शिक्षकों की नियुक्ति करने सहित शिक्षा, चिकित्सा एवं अन्य क्षेत्रों में 19 लाख नये रोजगार देने, कोरोना वायरस से बचाव के लिए नि:शुल्क टीका लगाने, महिलाओं के लिये माइक्रो फाइनेंस की नयी योजना लाने और बिहार को आईटी हब बनाने सहित 11 संकल्प व्यक्त किये गए हैं।

नौकरी देने के भाजपा के संकल्प पत्र के वादे पर तंज करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सुशील मोदी-नीतीश कुमार कहते हैं नौकरी के लिए पैसा है ही नहीं है और नौकरियां देने के लिये 58,000 करोड़ रुपये चाहिये, तब फिर इतने लोगों को रोज़गार कहां से देंगे?

बिहार के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जी सम्मानित नेता हैं, लेकिन जिस प्रकार से चुनावी रैली में वे युवाओं को दुत्कार रहे थे, वह बेशर्मी भरा व्यवहार ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘ नीतीश कुमार चुनाव हार रहे हैं और अपनी नाकामी और नाकारापन की खींझ युवाओं पर निकालने का प्रयास कर रहे हैं।

कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेस में 2015 विधानसभा के दौरान नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार के संबोधन का वीडियो क्लिप भी जारी किया जिसमें मोदी और नीतीश एक दूसरे पर निशाना साधते दिख रहे हैं। 2015 के चुनाव में जदयू ने राजद एवं कांग्रेस के साथ विपक्षी महागठबंधन में चुनाव लड़ा था।

सुरजेवाला ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाजपा-जदयू सरकार के 15 वर्षो के कार्यकाल में राज्य के विकास के मानदंडों पर आगे बढ़ने के दावो को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसी आदरणीय महिला जिनके समय में जीडीपी 23 प्रतिशत गिर गई हो, वो जीडीपी पर ज्ञान न दें।

बिहार की जदयू-भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार को बदहाली के कगार पर ला छोड़ा और बिहार के मुख्यमंत्री को यह तमगा कांग्रेस या महागठबंधन ने नहीं दिया बल्कि इस उपमा से स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को नवाजा था।

बिहार की नीतीश सरकार पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि हाल में ही प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले नीति आयोग ने ‘सतत विकास लक्ष्य 2019-20 रिपोर्ट’ जारी की है। इसके तहत नीति आयोग ने देश के सभी राज्यों का 62 सूचकांकों पर मूल्यांकन किया है।

उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में सभी 28 राज्यों को शामिल किया गया है और इसमें बिहार की बदहाली के लिए नीतीश बाबू और जदयू-भाजपा को दोषी ठहराया है।

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ बेहद शर्मनाक और पीड़ादायी परिणामों के साथ नीतीश सरकार ‘फिसड्डी’ आई है। लगभग सभी मापदंडों में नीतीश बाबू का नेतृत्व फेल साबित हुआ है।’’

उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि बिहार में देश के सबसे अधिक गरीब हैं और 33.74 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीने को मजबूर है। कांग्रेस नेता ने स्कूली स्तर पर बिहार में 12वीं कक्षा में ‘स्कूल ड्रॉपआउट रेट’देश में सबसे अधिक, देश में सबसे कम ‘प्रशिक्षित स्कूल शिक्षक’ होने तथा उच्च शिक्षा में सकल नामांकन दर सबसे कम होने का आरोप भी लगाया।

उन्होंने स्कूलों में लड़कियों के शौचालयों में भी बिहार के आखिरी पायदान पर होने तथा सबसे अधिक कुपोषित एवं खून की कमी की समस्या से ग्रस्त बच्चे होने का उल्लेख किया।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बड़े राज्यों में बिहार में खून की कमी की शिकार सबसे अधिक गर्भवती महिलाएं हैं और राज्य में मनरेगा के तहत मेहनतकश मजदूरों को देश में सबसे कम काम मिलता है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में बैंकों की सुविधा और पहुंच, महिलाओं की ‘श्रम बल’ में भागीदारी, 16 साल से 64 साल की आबादी के लिए ‘काम की उपलब्धता’देश में सबसे कम है, साथ ही ठोस कचरा प्रबंधन एवं प्रधानमंत्री आवास योजना तथा एलपीजी गैस इस्तेमाल में भी प्रदेश पिछड़ा है।

सुरजेवाला ने कहा कि इसके लिये जदयू-भाजपा सरकार जिम्मेदार है।