ओवैसी के मोर्चा में देवेन्द्र यादव हुए ‘सेक्युलर’, उपेन्द्र कुशवाहा के भी जाने की संभावना

अमरनाथ झा
बिहार चुनाव 2020 Updated On :

पटना। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली संयुक्त जनतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन (यूडीएसए) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

असदुद्दीन ओवैसी ने हाल में पटना दौरे में देवेंद्र प्रसाद यादव की समाजवादी जनता दल (डेमोक्रेटिक) के साथ गठबंधन कर संयुक्त जनतांत्रिक सेक्युलर गठबंधन का गठन किया था। इस गठबंधन में अन्य दो छोटी पार्टियां भी शामिल हैं। इस तीसरा मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित होने के बाद देवेंद्र यादव ने बताया कि राज्य में 150 सीटों को रेखांकित किया है जिसपर गठबंधन के उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव के मद्देनज़र रखते हुए विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है जिसमें अपराध नियंत्रण, रोज़गार और शिक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों को सम्मिलित किया जाएगा।

यादव ने बताया कि कई चर्चित नेताओं से मोर्चा में शामिल होने की चर्चा चल रही है। निकट भविष्य में कुछ नेताओं के गठबंधन में शामिल होने की संभावना है। वही उपेंद्र कुशवाहा के गठबंधन में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने फिलहाल कुछ कहने से इंकार किया। गौरतलब है कि मजलिस ने कुछ समय पहले 50 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

वैसे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के ओवैसी के नेतृत्व वाले तीसरे मोर्चे में शामिल होने की प्रबल सम्भावना है। हाल में राजद की नेतृत्व वाली महागठबंधन से अलग हुए कुशवाहा को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। उनके एनडीए से संपर्क करने की चर्चाओं के बीच राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकत करने की खबर भी है। पर बताते हैं कि सीटों की संख्या को लेकर दोनों में बात नहीं बनी। इसके बाद पार्टी महासचिव माधव आनंद ने कहा कि महागठबंधन आईसीयू में चला गया है जिससे संकेत मिलते है कि कुशवाहा का महागठबंधन को छोड़ना लगभग तय है।

उपेंद्र कुशवाहा के पास पहला विकल्प पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी हो सकती थी। लेकिन पप्पू यादव की पार्टी ने हाल ही में एसडीपीआई के साथ गठबंधन कर लिया। दोनों पार्टियां साथ में चुनाव लड़ेंगी। ऐसे में कुशवाहा के लिए पप्पू यादव के साथ गठजोड़ की सम्भावना नहीं के बराबर है।

दूसरा विकल्प पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की यूडीए हो सकती है। लेकिन इस गठबंधन में पहले से ही 19 पार्टियां शामिल हो चुकी है। पार्टियों की संख्या के हिसाब से यह गठबंधन महागठबंधन और एनडीए से भी बड़ा हो गया है। भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने कहा था कि वह किसी भी भाजपा विरोधी या सेक्युलर दल से गठबंधन को तैयार है।

तीसरा विकल्प असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली तीसरा मोर्चा है। यह मोर्चा कुशवाहा को आसानी से समायोजित कर सकता है। इससे दोनों को फायदा हो सकता है। बिहार की आबादी में करीब 17 प्रतिशत हिस्सेदारी मुसलमानों की है। इसके साथ यादव और कुशवाहा जातियों का थोड़ा-बहुत समर्थन भी मिल जाए तो यह गठबंधन चुनावी कायापलट कर सकता है।