
पटना। बिहार सरकार में जदयू कोटे से डॉ. मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाये जाने को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में भ्रष्टाचार करने के आरोपी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या उन्हें लूटने की खुली छूट प्रदान की गयी है ?
तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘‘ भ्रष्टाचार के अनेक मामलों के भगोडे़ आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया। अल्पसंख्यक समुदायों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में सत्ता संरक्षित अपराधियों की मौज है और रिकॉर्डतोड़ अपराध की बहार है।
तेजस्वी ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ कुर्सी की ख़ातिर अपराध, भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे।’’
भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भगौडे आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया।
अल्पसंख्यक समुदायों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया।
सत्ता संरक्षित अपराधियों की मौज है। रिकॉर्डतोड़ अपराध की बहार है।
कुर्सी ख़ातिर Crime, Corruption और Communalism पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 18, 2020
राजद नेता ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में भारतीय दंड संहित की धारा 409,420,467, 468,471 और 120ब के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का इनाम एवं लूटने की खुली छूट प्रदान की है?’’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में IPC 409,420,467, 468,471 और 120B के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का ईनाम एवं लूटने की खुली छूट प्रदान की है?https://t.co/GjxJaAVUjq
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 18, 2020
इससे पहले राजद ने आधिकारिक ट्वीट में कहा कि तेजस्वी पर फ़र्ज़ी केस करवा कर वह इस्तीफ़ा मांग रहे थे और यहां खुद एक भ्रष्टाचारी मेवालाल को मंत्री बना रहे है।
गौरतलब है कि जदयू विधायक डॉ. मेवालाल चौधरी राज्य की तारापुर विधानसभा सीट से निर्वाचित हुये हैं । उन्हें नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। राजनीति में प्रवेश से पहले मेवालाल भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे।