मेवालाल चौधरी : नई सरकार की नैतिकता का पहला विकेट


उन दिनों नीतीश कुमार राजद की साझीदारी में सरकार चला रहे थे। तब बिहार भाजपा ने मेवालाल के खिलाफ आरोपों को लेकर विधानसभा को ठप्प कर दिया था। मेवालाल चौधरी 2010 से 2015 के बीच बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे।


अमरनाथ झा
बिहार चुनाव 2020 Updated On :

बिहार की नई सरकार का पहला विकेट गिर चुका है। शिक्षा मंत्री बने मेवालाल चौधरी को पदभार ग्रहण करने के तीन घंटे के भीतर इस्तीफा देना पड़ा। उनपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे और इन आरोपों की वजह से उन्हें पार्टी से निकाला भी गया था। इसको नजरअंदाज करके उन्हें पार्टी उम्मीदवार बनाना रहस्यमय था ही, मंत्री बना देना उससे भी अधिक आश्चर्यजनक। मंत्रीमंडल के शपथ ग्रहण करने के कुछ घंटे के भीतर ही विपक्ष ने मेवालाल की बर्खास्तगी के लिए आंदोलन करने का ऐलान कर दिया था।

मेवालाल चौधरी पर भागलपुर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते नियुक्ति घोटाला में शामिल होने के आरोप थे। राजभवन ने इन आरोपों की जांच कराई और जांच में आरोप सही पाए गए थे। राजभवन के निर्देश पर हाईकोर्ट के रिटायर जज ने यह जांच की थी।

आरोप सही पाए जाने पर राजभवन के निर्देश पर सबौर थाना में कुलपति के खिलाफ फरवरी 2017 में मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस की जांच में भी आरोप सही पाए गए, पर अभी तक आरोप-पत्र दाखिल नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि कुछ बिन्दुओं पर जांच अभी जारी है, इसलिए आरोपपत्र दाखिल करने में देर हुई है।

भागलपुर के डीएसपी मुख्यालय रमेश कुमार को इस मामले के जांच अधिकारी बनाया गया था। उन्होंने लंबे समय तक मामले की छानबीन की। कई लोगों से पुछताछ की गई और कुछ लोग गिरफ्तार भी किए गए। इनमें प्रोफेसर राजभवन वर्मा, अमित कुमार और कुलपति के भतीजे रमेश चौधरी गिरफ्तार हुए थे। रमेश चौधरी पर सुल्तानगंज थाना के कटहरा गांव के हिमांशु कुमार ने भर्ती के एवज में दो लाख रुपए का चेक देने का मामला दर्ज कराया था।

उन दिनों नीतीश कुमार राजद की साझीदारी में सरकार चला रहे थे। तब बिहार भाजपा ने मेवालाल के खिलाफ आरोपों को लेकर विधानसभा को ठप्प कर दिया था।

मेवालाल चौधरी 2010 से 2015 के बीच बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। इस दौरान विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों और सहायकों की नियुक्ति हुई। कुल 166 नियुक्तियां हुई थी। यह 2012 का मामला है। पुलिस में मामला दर्ज होने पर वे फरार हो गए। फरारी की स्थिति में ही उन्हें जमानत मिल गई।

इसबीच मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने मांग की है कि उस मौत की जांच कराने की जरूरत है क्योंकि उनकी मौत जलने से हुई थी जिससे साजिश का संदेह होता है। इधर माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने शिक्षामंत्री मेवालाल चौधरी को अविलंब बर्खास्त करने की मांग लेकर लगातार आंदोलन करने की चेतावनी दी थी।

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस इस्तीफा पर कहा है कि नीतीश कुमार थक गए हैं, उनकी यादाश्त कमजोर हो गई है, तभी तो आरोपी को मंत्री बनाया, हल्ला मचने पर शर्मदगी से बचने के लिए इस्तीफा भी ले लिया।