तेजस्वी यादव की मांग, 20 चुनाव क्षेत्रों में फिर से हो मतगणना


तेजस्वी यादव ने उन 20 चुनाव क्षेत्रों में फिर से मतगणना कराने की मांग की है जिसमें पोस्टल बैलेट की गणना ईवीएम मशीनों की गणना के बाद की गई। उन्होंने सवाल किया कि निर्वाची अधिकारियों ने सैकड़ों बैलेट पेपर्स को रद्द क्यों कर दिया।


अमरनाथ झा
बिहार चुनाव 2020 Updated On :

पटना। बिहार में सरकार बनाने की कवायदों के बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने उन 20 चुनाव क्षेत्रों में फिर से मतगणना कराने की मांग की है जिसमें पोस्टल बैलेट की गणना ईवीएम मशीनों की गणना के बाद की गई। उन्होंने सवाल किया कि निर्वाची अधिकारियों ने सैकड़ों बैलेट पेपर्स को रद्द क्यों कर दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय पर चुनाव परिणामों को प्रभावित करने और धांधली कर महागठबंधन खासकर राजद उम्मीदवारों को हराने का आरोप लगाया।

चुनाव परिणाम आने के दो दिनों के बाद अपने पहले प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव ने मांग की। इसके पहले उन्हें राजद विधायक दल का नेता चुना गया। महागठबंधन के अन्य घटकों ने भी उन्हें अपना नेता स्वीकार करने की घोषणा की।

उल्लेखनीय है कि कांटे की टक्कर में एनडीए को बहुमत से थोड़ा अधिक 125 सीटें हासिल हुई हैं जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। हालांकि राजद सबसे बडा बनकर उभरा है। उसे 75 सीटें मिली हैं जबकि दूसरे स्थान पर रही भाजपा को 74 सीटें मिल सकी हैं। नीतीश कुमार की जदयू 43 सीटें लेकर तीसरे स्थान पर खिसक गई है।

प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा कि जनादेश सत्ता-परिवर्तन के पक्ष में है। पर एनडीए छल-प्रपंच के जरिए इस जनादेश को स्वीकार करने से इंनकार कर रही है जबकि उसे महागठबंधन के पक्ष में मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।

तेजस्वी ने धन्यवाद-यात्रा निकालने की घोषणा की ताकि आम लोगों में फैली बेरोजगारी के मसले पर मजबूत जनमत तैयार किया जा सके और सरकार को सरकारी नौकरियों में भर्ती आरम्भ करने के लिए सरकार को मजबूर किया जा सके।

इस बीच इन चुनावों में खराब प्रदर्शन के लिए कांग्रेस की तीखी आलोचना होने लगी है। वरीय कांग्रेस नेता तारीक अनवर के बाद भाकपा माले के महासचिव दिपंकर भट्टाचार्य ने भी कहा है कि अधिक सीटों पर लड़ने की कांग्रेस की जिद के कारण महागठबंधन को कई सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। जबकि वामदलों का चुनावी प्रदर्शन बेहतर रहा। तीनों वामपंथी पार्टियों ने मिलकर 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 16 सीटों पर विजयी रहे।

कांग्रेस 70 सीटों पर उम्मीदवार देकर महज 19 सीटें जीत सकी। कांग्रेस नेता तारीक अनवर ने ट्वीटर पर कहा है कि कांग्रेस को अपनी गलती को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में एमआईएम का खाता खुलना भी कोई अच्छा संकेत नहीं है।

इसके पहले कांग्रेस नेता ऋषि मिश्रा ने पार्टी की हार के लिए सीधे तौर पर प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को जिम्मेवार ठहराया और कहा कि टिकट वितरण में धांधली हुई। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रदेश अध्यक्ष को हटाकर बिहार में कांग्रेस को बचाने का अनुरोध किया है।