
दिल्ली पुलिस ने एक बड़े फर्जी सरकारी नौकरी रैकेट का पर्दाफाश कर बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड राशिद चौधरी को गिरफ्तार किया है। यह रैकेट नेशनल रूरल डेवलपमेंट एंड रिक्रिएशन मिशन (NRDRM) के नाम से चल रहा था और खुद को भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय का हिस्सा बताकर लोगों को झांसा दे रहा था। पुलिस ने इस रैकेट के मास्टरमाइंड राशिद चौधरी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली डीसीपी देवेश कुमार महला ने बताया कि 22 मार्च 2025 को ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शिकायत दर्ज की कि www.nrdrm.com और www.nrdrmvacany.com जैसी फर्जी वेबसाइट्स पर सरकारी नौकरी के झूठे विज्ञापन चल रहे हैं।
इन वेबसाइट्स पर मंत्रियों और बड़े अधिकारियों की तस्वीरें लगाकर लोगों को लुभाया जा रहा था। नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर 299 और 399 रुपये की फीस मांगी जा रही थी। शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने 23 मार्च 2025 को FIR दर्ज की और जांच शुरू की।
पुलिस ने पाया कि फर्जी वेबसाइट्स पर एक QR कोड था, जिसके जरिए लोग पैसे जमा कर रहे थे। ये पैसे असम के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खाते में जा रहे थे और फिर कई खातों में ट्रांसफर कर ATM से निकाले जा रहे थे। पुलिस ने सैकड़ों ATM की CCTV फुटेज खंगाली और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से संदिग्ध को दिल्ली के लक्ष्मी नगर में ट्रेस किया। पता चला कि वह शकरपुर में किराए के फ्लैट में रहता है।
18 मई 2025 को पुलिस ने छापा मारा और 27 साल के इकबाल हुसैन को पकड़ा। पूछताछ में उसने बताया कि वह ATM से पैसे निकालकर राशिद चौधरी को देता था, जो रैकेट का सरगना था। इसके बाद पुलिस ने लक्ष्मी नगर में दूसरा छापा मारा और राशिद चौधरी को गिरफ्तार किया। राशिद पहले भी साइबर क्राइम में शामिल रहा है। उसने बताया कि उसने वेब डेवलपर्स, विज्ञापन मैनेजर और बैंक खाते व सिम कार्ड जुटाने वालों की पूरी टीम बनाई थी।
रैकेट का तरीका बेहद चालाकी भरा था। वे सरकारी वेबसाइट्स जैसी फर्जी वेबसाइट्स बनाते थे और सोशल मीडिया व अखबारों में सरकारी नौकरी के विज्ञापन छपवाते थे। लोग वेबसाइट पर जाकर QR कोड के जरिए पैसे जमा करते थे, जो बाद में कई खातों में ट्रांसफर होकर ATM से निकाल लिए जाते थे।
11 मोबाइल फोन, 15 सिम कार्ड, 15 डेबिट कार्ड, 21 चेकबुक
पुलिस ने छापे में 11 मोबाइल फोन, 15 सिम कार्ड, 15 डेबिट कार्ड, 21 चेकबुक, 5 वाई-फाई डोंगल, 1 POS मशीन, 4 फर्जी स्टांप और 6 अन्य फर्जी वेबसाइट्स जब्त कीं। अब पुलिस इन चीजों को इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) को भेज रही है ताकि देशभर के ऐसे मामलों से मिलान किया जा सके। बाकी फर्जी वेबसाइट्स की जांच हो रही है और रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
सावधानी के लिए टिप्स :
- सरकारी नौकरी के विज्ञापनों को केवल आधिकारिक वेबसाइट्स पर जांचें।
- अनजान QR कोड या लिंक पर पैसे न भेजें।
- ठगी का शक हो तो तुरंत साइबर क्राइम सेल या पुलिस से संपर्क करें।
दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई से साफ है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जा रहा है।