गाजियाबाद। गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी ने इलाज के दौरान मंगलवार रात को दम तोड़ दिया। उनके भाई अनिकेत के अनुसार डॉक्टर ने इसकी जानकारी उनके बुधवार सुबह में दी। बता दें कि भांजी से छेड़छाड़ के खिलाफ विक्रम ने बदमाशों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवाया था जिसके बाद बदमाशों ने सोमवार की रात को एक चौराहे पर सरेआम गोली मार दी थी। इस संगीन मामले को लेकर देश के कई वरिष्ठ पत्रकारों के सवाल उठाने के बाद गाजियाबाद पुलिस हरकत में आई और इस मामले से जुड़े नौ आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया और संबंधित थाने के दो एसआई समेत दो पुलिसकर्मयों को निलंबित कर दिया।
पुलिस के अनुसार गोली लगने के बाद विक्रम को गंभीर हालात में यूपी के गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विक्रम के साथ उस समय उनकी बेटियां भी मौजूद थीं। पत्रकार पर हुए हमले के बाद पीड़ित लड़की ने अपने साथ छेड़छाड़ की घटना को लेकर बयान भी दिया था। उसने बताया था कि कैसे आरोपी आते-जाते परेशान करते थे। उधर, पुलिस ने 16 जुलाई को पत्रकार की भांजी के साथ छेड़छाड़ मामले में दी गई शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया है।
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खबरों के मुताबिक, सोमवार रात जब पत्रकार विक्रम जोशी पर हमला हुआ तब उनकी दो बेटियां भी बाइक पर सवार थीं। बड़ी बेटी के मुताबिक, पापा बाइक चला रहे थे, इसी दौरान जब बाइक सड़क पर आई तो कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया और बाइक गिरा दी। जब पापा ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे लोग पापा को मारने लगे। इस दौरान कार के पास ले जाकर एक हमलावर ने उनको गोली मार दी। इसके बाद हमला करने वाले फरार हो गए। इस घटना में परिजन की तरफ से 3 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पुलिस की लापरवाही बनी मौत का सबब
घायल पत्रकार विक्रम जोशी के भाई अनिकेत जोशी ने बताया कि तीन दिन पहले आरोपी युवकों ने उनकी भांजी पर अश्लील फब्तियां कसी थी, जिसको लेकर मारपीट भी हुई थी। भांजी के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना की बाबत रिपोर्ट विजय नगर थाने में दर्ज कराई थी, जिसके बाद से आरोपी युवक लगातार धमकी दे रहे थे। मुकदमा होने के 3 दिन बाद तक उनके खिलाफ पुलिस द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। इसी का नतीजा था कि उन्होंने विक्रम को घेरकर गोली मार दी।
योगी सरकार ने किया 10 लाख मुआवजा देने का ऐलान
यूपी की योगी सरकार ने पत्रकार की मौत के बाद उनके परिजनों के 10 लाख रूपये का मुआवजा, पत्नी को सरकारी नौकरी और बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने की घोषणा की है। बता दें कि इस घटना के बाद जहां प्रियंका गांधी ने यूपी में जंगलराज का आरोप लगया था वहीं वरिष्ठ पत्रकारों सहित दूसरे कई लोगों ने इस घटना को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाए थे।