लखनऊ/ कानपुर। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में फरार चल रहे कुख्यात विकास दुबे और बदमाशों की फोटो मंगलवार को पुलिस ने जारी कर दी। लखनऊ में आयोजित पत्रकार वार्ता में यूपी के (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि जब तक हम विकास दुबे और साथियों को अरेस्ट नहीं कर लेते हैं, तब तक चुप नहीं बैठेंगे।
उन्होंने बताया कि हमें विकास दुबे बारे में भी ये सूचना मिली थी कि वो अपने घर में हथियार छिपा के रखता है। पूरे घर को सर्च किया गया तब इसके घर से 2 किलो विस्फोटक पदार्थ, 6 तमंचे,15 देशी बम, 25 कारतूस बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि कानपुर मुठभेड़ में घायल हुए लोगों की स्थिति अब ठीक है,सब लोग खतरे से बाहर हैं।लेकिन जब तक हम विकास दुबे और उनके साथियों को गिरफ्तार नहीं कर लेते तब तक हम शांत नहीं बैठेंगे।
विकास दुबे बारे में भी ये सूचना मिली थी कि वो अपने घर में हथियार छिपा के रखता है। पूरे घर को सर्च किया गया तब इसके घर से 2 किलो विस्फोटक पदार्थ, 6 तमंचे,15 देशी बम, 25 कारतूस बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि कानपुर मुठभेड़ में घायल हुए लोगों की स्थिति अब ठीक है,सब लोग खतरे से बाहर हैं।लेकिन जब तक हम विकास दुबे और उनके साथियों को गिरफ्तार नहीं कर लेते तब तक हम शांत नहीं बैठेंगे।
हमारी 40 टीमें और STF टीमें इसमें लगातार कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में यह वायरल है कि कानपुर एनकाउंटर में अपनी जान गंवाने वाले सर्किल ऑफिसर देवेंद्र मिश्रा ने एक पत्र लिखा था। इसकी जांच के लिए DGP ने एक IG लेवल के अधिकारी को भेजा है। जांच में सच सामने आ जाएगा।
इसके साथ ही एडीजी ने बताया कि एक ऑडियो क्लिप भी जारी हुआ है, लेकिन इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। तत्कालीन एसएसपी, पुलिस स्टेशन इंचार्ज और सर्कल ऑफिसर के बीच बातचीत चल रही है। इसकी सत्यता के बारे में जांच करा रहे हैं। अगर अवश्यक होगा तो सर्किल ऑफिसर के कंप्यूटर का फॉरेंसिक टेस्ट भी कराएंगे।
गैंगस्टर दुबे की तलाश में पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी जारी
कुख्यात गैंगस्टर विकास दूबे के पीछे यूपी पुलिस की 40 टीमें लग गई हैं। इस कुख्यात अपराधी को पकड़ने की कोशिश में यूपी पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स (STF) लगातार जुटी हैं। यूपी पुलिस डीजीपी का कहना है कि जब तक पुलिस इस कुख्यात अपराधी को पकड़ नहीं लेती तब चैन से नहीं बैठेगी।
पिछले गुरुवार की रात जिस तरह बर्बरता से पुलिसकर्मियों की हत्या की गई उससे राज्य की पुलिस और अपराधियों की सांठ-गांठ के खेल की भी पोल खोल दी है।
कुख्यात गैंगस्टर विकास दूबे के पीछे यूपी पुलिस की 40 टीमें लग गई हैं। इस कुख्यात अपराधी को पकड़ने की कोशिश में यूपी पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स (STF) लगातार जुटी हैं। यूपी पुलिस डीजीपी का कहना है कि जब तक पुलिस इस कुख्यात अपराधी को पकड़ नहीं लेती तब चैन से नहीं बैठेगी।
पिछले गुरुवार की रात जिस तरह बर्बरता से पुलिसकर्मियों की हत्या की गई उससे राज्य की पुलिस और अपराधियों की सांठ-गांठ के खेल की भी पोल खोल दी है।
बताया जा रहा है पुलिस की छापेमारी से कुछ घंटे पहले ही विकास दुबे को थाने से फोन कर अलर्ट कर दिया गया था। इतना ही नहीं आरोपी पुलिसवालों ने अपने ही साथियों को अपराधी के बिछाए जाल में फंसा दिया था। अपने ही कर्मचारियों के मौका परस्ती और विश्वासघात से हैरान यूपी पुलिस अब वारदात को अंजाम देकर साथियों साथ फरार हो चुके विकास दुबे को तलाशती फिर रही है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि दुर्दांत अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों को पकड़ने के लिए पुलिस की 40 टीमें और एक एसटीएफ टीम को लगाया गया है। उन्होंने कहा कि विकास दुबे और उसके साथियों व परिवार के सदस्यों के बारे में सूचना जुटा रहे हैं। जब तक विकास दुबे गिरफ्तार नहीं किया जाता जब तक हम शांत से नहीं बैठेंगे।
विश्वासघात करने के संदेह और ड्यूटी में लापरवाही बरतने के चलते मामले में अब दो सब-इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल को बर्खास्त किया जा चुका है। इसके अलावा विकास दुबे से तार जुड़े होने के कारण एक और सब इंस्पेक्टर को बर्खास्त किया जा चुका है। पुलिस विकास दुबे के लिंक अपराध की दुनिया में कितने गहरे हैं इसकी जांच भी बाद में की जाएगी।
बताया जा रहा है पुलिस की छापेमारी से कुछ घंटे पहले ही विकास दुबे को थाने से फोन कर अलर्ट कर दिया गया था। इतना ही नहीं आरोपी पुलिसवालों ने अपने ही साथियों को अपराधी के बिछाए जाल में फंसा दिया था। अपने ही कर्मचारियों के मौका परस्ती और विश्वासघात से हैरान यूपी पुलिस अब वारदात को अंजाम देकर साथियों साथ फरार हो चुके विकास दुबे को तलाशती फिर रही है।
वायरल पत्र के हस्ताक्षर पुलिस उपाधीक्षक मिश्रा से नही मिलते : अनंतदेव
कानपुर मुठभेड़ में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा के सोशल मीडिया में वायरल हुए एक कथित पत्र के बारे में कानपुर के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंतदेव का कहना है कि इस तथाकथित पत्र में जो हस्ताक्षर हैं वह मिश्र के हस्ताक्षर से नही मिलते। अनंतदेव का कहना है कि उनकी याद में ऐसा कोई पत्र उनके सामने नहीं आया था।
उन्होंने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक (आईजी), लखनऊ इस मामले की जांच कर रही हैं और जल्द ही इसकी सच्चाई सामने आ जाएगी। गौरतलब है कि मिश्रा का तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अंनतदेव को भेजा गया एक कथित पत्र सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें उन्होंने कथित रूप से चौबेपुर के थाना प्रभारी विनय तिवारी और माफिया सरगना विकास दुबे के बीच संबंध होने के गंभीर आरोप लगाए थे । यह पत्र कानपुर पुलिस के रिकार्ड मे नही पाया गया है।