कानपुर। कानपुर के बिकेरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाला कुख्यात आतंकी विकास दुबे पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। विकास दुबे को सड़क के रास्ते कानपुर लाया जा रहा था, लेकिन जिस वाहन से विकास दुबे को पुलिस ला रही थी वह रास्ते में पलट गई। यह मौका देख विकास दुबे भागने की कोशिश करने लगा जिसके बाद पुलिस और उसके बीच मुठभेड़ हुईऔर क्रॉस फायरिंग में विकास दुबे को मारा गया।
कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल में बताया कि मुठभेड़ के बाद विकास दुबे के शव को कानपुर के एक सरकारी अस्पताल में लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। अग्रवाल ने बताया कि हिस्ट्री शीटर विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर लेकर आ रही एसटीएफ के काफिले की एक गाड़ी पलट गई थी। इस दौरान विकास दुबे ने एसटीएफ के एक अधिकारी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की।
पुलिस के अनुसार यह मुठभेड़ कानपुर से करीब 15 किलोमीटर दूर हुई। गाड़ी पलटने के बाद घायल सिपाही की पिस्टल छीनकर विकास भागने की फिराक में था। इसी दौरान जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी। हांलाकि विकास दुबे को कितनी गोली लगी है पुलिस ने इसकी कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है।
पुलिस के अनुसार पुलिस का हथियार छिनकर भागने के बाद एसटीएफ ने विकास से हथियार रखकर सरेंडर करने को कहा, इसके बावजूद वह नहीं माना और पुलिस पर फायरिंग करने लगा जिसके बाद पुलिस को आत्मरक्षा में मजबूरन एनकाउंटर करना पड़ा।
गौरतलब है कि विकास दुबे को गुरुवार को ही उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था। दिन भर चले दस्तावेजी औपचारिकताओं के बाद पुलिस रात को उसको कानपुर ला रही थी, लेकिन तड़के हुई इस बारदात में वह मारा गया। पुलिस के अनुसार बिकेरू की घटना के बाद पुलिस ने उस एनकाउंटर में शामिल विकास दुबे के 5 साथी को एनकाउंटर में पहले ही मार दिया गया है।
पुलिस के अनुसार यह मुठभेड़ कानपुर से करीब 15 किलोमीटर दूर हुई। गाड़ी पलटने के बाद घायल सिपाही की पिस्टल छीनकर विकास भागने की फिराक में था। इसी दौरान जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी। हांलाकि विकास दुबे को कितनी गोली लगी है पुलिस ने इसकी कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है।
उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास की गिरफ्तारी भी नाटकीय ढंग से हुई थी। विकास दुबे बकायदा 250 रुपये की वीवीआईपी लोगों के लिए मंदिर में दर्शन के लिए पर्ची कटाकर दर्शन के लिए पहुंचा था। इस पर्ची में उसने अपनी सही नाम और पता भी बताया था, लेकिन इस दौरान किसी पुलिस को उसकी भनक तक नहीं लगी और बाद में मंदिर में दर्शन के लिए जाते वक्त एक गार्ड ने शक के आधार पर उसको पकड़ लिया।
खबरों के अनुसार गिरफ्तारी से पहले विकास आराम से फोटो खिंचवाता नजर आया। यही नहीं, जब विकास पकड़ा गया तो उसके माथे पर जरा भी शिकन नहीं थी। भीड़ को देखकर जोश में आकर चिल्ला पड़ा, ‘मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला।’