नई दिल्ली। आयकर विभाग ने बुधवार को स्पष्ट किया है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की ब्याज आय पर 5 प्रतिशत की रियायती दर से कर लागू रहेगा।
आयकर विभाग ने इस संबंध में सामने आ रही रिपोर्टों पर स्थिति स्पष्ट करते हुये कहा कि एफपीआई की ब्याज आय पर पांच प्रतिशत की दर से लागू विद्होल्डिंग कर की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। ऐसी रिपोर्टें सामने आई हैं कि इस प्रकार के कर को वापस ले लिया गया है।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वक्तव्य में कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि आयकर कानून की धारा 115एडी में संशोधन के बावजूद संबंधित प्रावधान में कोई बदलाव नहीं आया है। कराधान और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में संशोधन एवं रियायत) कानून 2020 के जरिये इस धारा में संशोधन के बावजूद कानून की धारा 194एलडी में संदर्भित ब्याज आय पर पांच प्रतिशत की रियायती दर से कर लगना जारी रहेगी।’’
आयकर कानून की धारा 115एडी में जहां एफपीआई की आय पर कराधान के प्रावधान किये गये हैं वहीं धारा 194एलडी में विदेशी संस्थागत निवेशकों अथवा पात्र विदेशी निवेशकों की विभिन्न बॉड पत्रों..सरकारी प्रतिभूतियों से होने वाली ब्याज आय पर विद्होल्डिंग कर के बारे में उल्लेख किया गया है।
बॉंड अथवा रिण पत्रों को जारी करने वाले इश्यूकर्ता को परिपक्वता राशि को एफपीआई के खाते में डालने से पहले पांच प्रतिशत कर लेकर उसे सरकारी खजाने में जमा कराना होता है।