नई दिल्ली। सरकार ने कम गुणवत्ता वाले आयात, विशेषकर चीन से आने वाले उत्पादों पर अंकुश लगाने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों से सस्ते आयात की सूची, उनकी घरेलू कीमत और यदि कोई कर हानि हो तो उनका ब्यौरा मांगा है।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय ने हाल में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में चीन के आयात पर निर्भरता खत्म करने और आत्म निर्भर भारत को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई।
एक सूत्र ने बताया कि उद्योगों से चीन से आयातित कुछ सामानों और कच्चे माल पर टिप्पणी और सुझाव देने के लिए कहा गया है। इन उत्पादों में कलाई घड़ी, दीवार घड़ियां, इंजेक्शन की शीशी, कांच की छड़ें और ट्यूब, हेयर क्रीम, हेयर शैंपू, फेस पाउडर, आंख और होंठ के मेकअप का सामान, प्रिंटिंग की स्याही, पेंट और वार्निश तथा कुछ तम्बाकू का सामान शामिल है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा 2014-15 और 2018-19 के बीच आयात में हुई बढोतरी, एक जैसे उत्पाद को यहां बनाने पर उनकी घरेलू लागत, घरेलू क्षमता, मुक्त व्यापार समझौतों के तहत आयात और यदि कहीं कच्चे माल पर तैयार माल के मुकाबले अधिक कर हो, तो उन सभी का ब्यौरा मांगा गया है।
उद्योग सूत्रों ने कहा कि उन्होंने इन सभी उत्पादों पर अपनी राय तैयार कर ली है और जल्द ही उसे वाणिज्य तथा उद्योग मंत्रालय को भेज दिया जाएगा। चीन के साथ सीमा पर तनाव के मद्देनजर वहां से आयात को कम करने और रोकने की कवायद महत्वपूर्ण है। भारत के आयात में लगभग 14 प्रतिशत हिस्सा चीन का है, जिसमें मोबाइल फोन, दूरसंचार, बिजली, प्लास्टिक के खिलौने और फार्मास्युटिकल उत्पाद जैसे सामान उल्लेखनीय हैं।