अर्द्धसैनिक बलों के वरिष्ठों के फायदे के लिये कंपनियों के योगदान को माना जायेगा CSR

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ), केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (सीपीएमएफ) के वरिष्ठों के साथ-साथ उनके आश्रितों के लिये कंपनियों द्वारा किये जाने वाले योगदान को अब कंपनी कानून के तहत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) खर्च माना जायेगा।

नयी दिल्ली। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ), केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (सीपीएमएफ) के वरिष्ठों के साथ-साथ उनके आश्रितों के लिये कंपनियों द्वारा किये जाने वाले योगदान को अब कंपनी कानून के तहत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) खर्च माना जायेगा। सरकार ने इसके लिये आवश्यक संशोधन किया है।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम 2013 की सातवीं अनुसूची में संशोधन किया है। यह अनुसूची उन गतिविधियों से संबंधित है, जिन्हें सीएसआर गतिविधियां माना जाता है। कंपनी कानून के तहत, लाभ में रहने वाली कंपनियों की एक श्रेणी को सीएसआर कार्यों पर अपने तीन साल के वार्षिक औसत शुद्ध लाभ का कम से कम दो प्रतिशत खर्च करना अनिवार्य है।

मंत्रालय ने 23 जून की एक अधिसूचना में कहा कि सातवीं अनुसूची में ‘केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (सीपीएमएफ) के वरिष्ठों और उनकी विधवाओं सहित उनके आश्रितों‘ को सम्मिलित किया जायेगा। यदि किसी कंपनी की कुल संपत्ति 500 करोड़ रुपये, कारोबार एक हजार करोड़ रुपये या शुद्ध लाभ पांच करोड़ रुपये या इससे अधिक हो, तो उसे सीएसआर पर खर्च करना पड़ता है। कॉरपोरेट प्रोफेशनल्स ग्रुप के संस्थापक पवन कुमार विजय ने कहा कि सशस्त्र बलों के वरिष्ठों, जवानों की विधवाओं और उनके आश्रितों के लाभ के उपायों पर खर्च को सीएसआर माना गया है।

उन्होंने कहा, “अनुसूची में संशोधन के माध्यम से सीएसआर गतिविधियों का दायरा बढ़ाया गया है। यह एक प्रशंसनीय कदम है। यह हमारे अर्धसैनिक बलों द्वारा दिये गये योगदान व बलिदान को स्वीकार्यता प्रदान करता है।’’ अभी सीएपीएफ कर्मियों के ड्यूटी पर शहीद होने पर उनके परिवारों को ‘भारत के वीर’ कोष से 15 लाख रुपये मिलते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2017 में इस कोष को शुरू किया था, ताकि आम लोग भी इच्छा होने पर इसमें योगदान कर सकें। इस कोष में सभी योगदान सरकारी नियमों के अनुसार आयकर से मुक्त हैं।

First Published on: June 29, 2020 9:26 AM
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